देहरादून। सहकारिता व उच्च शिक्षा मंत्री धनसिंह रावत जी ने आज विधानसभा स्थित कक्ष में उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की गई। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि राजकीय महाविद्यालयों में संचालित स्ववित्त पोषित बीएड एवं व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के संचालन में आ रही समस्याओं एवं शिक्षकों तथा शिक्षणोत्तर कर्मियों की नियुक्ति व वेतन संबंधी समस्याओं का शीघ्र समाधान निकाल लिया जायेगा। इसके लिए अधिकारियों को शीध्र ही प्रबंध कार्यकारिणी की बैठक आयोजित करने के निर्देश दिये गये। इसके अतिरिक्त राज्य के प्रत्येक महाविद्यालयों में रोजगारपरक व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के संचालन के भी निर्देश दिये गये हैं।
श्री रावत ने कहा कि राज्य के प्रत्येक स्नातकोत्तर महाविद्यालय में अधिकतम 05 व स्नातक महाविद्यालयों में 02 स्ववित्त पोषित व्यावसायिक पाठ्यक्रम संचालित किये जाएं, ताकि छात्र-छात्राएं डिग्री कोर्स के साथ-साथ एक वर्ष का स्वरोजगारपरक डिप्लोमा व छह माह का सार्टिफिकेट कोर्स भी हासिल कर सकें। इसके लिए अपर सचिव उच्च शिक्षा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति का गठन कर दिया गया है।
समिति में संयुक्त निदेशक उच्च शिक्षा डाॅ. पी.के.पाठक, कुलसचिव सुधीर बुडाकोटी को शामिल किया गया है। समिति वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए स्वरोजगारपरक पाठ्यक्रमों को तैयार कर रिपोर्ट शासन को सौंपेगी।
बैठक में उपाध्यक्ष उच्च शिक्षा उन्नयन समिति दीप्ती रावत जी, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा आनंद वर्द्धन जी, अपर सचिव दीपेंद्र चौधरी, संयुक्त सचिव एम.एम. सेमवाल, संयुक्त निदेशक उच्च शिक्षा डाॅ.पी.के.पाठक, कुलसचिव सुधीर बुडाकोटी, उपनिदेशक डाॅ. ए.एस.उनियाल आदि विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।