-जगमोहन आज़ाद
दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी ने शुक्रवार को राज्य के सभी 14 जिलों के जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा कर दी है. भाजपा ने बुधवार को 250 मंडल अध्यक्षों की सूची जारी की थी. दो सौ नए चेहरों को मौका दिया गया है. प्रदेश नेतृत्व राज्य के सभी 14 जिलों के जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा कर दी है, जिसमें समाजसेवी और डीपीएमआई के चैयरमेन विनोद बछेती को मयूर विहार दिल्ली के जिला अध्यक्ष जिम्मेदारी दी गई है. जिसके बाद उत्तराखंड वासियों में खुशी की लहर है.
पौड़ी गढ़वाल की सितोनस्यू पट्टी में है बछेती जी का मूल गांव
आपको बता दें पौड़ी गढ़वाल की सितोनस्यू पट्टी के कांडा गांव में 29 जून 1971 को जन्में विनोद बछेती की दिल्ली-एनसीआर में उत्तराखंड समाज के साथ-साथ तमाम दूसरे समाज के लोगों की बीच में सामाजिक, सांस्कृतिक एवं राजनैतिक पटल पर सौहार्दपूर्ण पहचान है. श्री बछेती बाल्यकाल से संघ से जुड़े हैं. वह पिछले 24 वर्षों से भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हैं. उन्होंने 1994 में पार्टी की सदस्यता ली थी. उनकी मेहनत और पार्टी की प्रति कर्तव्य निष्ठाता को देखते हुए उन्हें 1997 में समिति अध्यक्ष न्यू अशोक नगर- त्रिलोकपुरी मंडल की जिम्मेदारी दी गई.
2002 में रहे उत्तराखंड प्रकोष्ठ का मंडल अध्यक्ष
इसी के साथ श्री बछेती को 2002 में उत्तराखंड प्रकोष्ठ का मंडल अध्यक्ष बनाया गया. इसी के साथ श्री बछेती पूर्वी दिल्ली नगर-निगम में शिक्षा समिति के सदस्य भी हैं. इस पद पर रहते हुए श्री बछेती पूर्वी दिल्ली के नगर निगम के स्कूलों में कई महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं.
उन्हें लोकसभा चुनाव 2019 के चुनाव में संचालन समिति का सदस्य भी बनाया गया था. सामाजिक पटल की बात करें तो विनोद बछेती उत्तराखंड एकता मंच के संस्थापक सदस्य एवं संयोजक हैं.
दिल्ली की प्रतिष्ठित संस्था गढ़वाल हितैषणी सभा (पंजी) के आजीवन सदस्य, पूर्वी दिल्ली गढ़देशीय भ्रात मंडल (पंजी) के आजीवन सदस्य, पिछले चालीस वर्षों से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में रहते हुए उत्तराखंड समाज एवं दिल्ली की तमाम सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर समाज के हित में निरंतर सेवा कार्यों का निर्वहन कर रहे हैं.
उत्तराखंड आंदोलन में भी निभाई सक्रिय भागीदारी
इसी के साथ श्री बछेती उत्तराखंड आंदोलन के दौरान उत्तराखंड की अनेकों संस्थाओं में सक्रिय भागीदारी निभाई. दिल्ली के रामलील मैदान में 20 नवंबर 2016 में एकजुट-एकमुट अभियान के जरिए पूरे भारत में निवासित उत्तराखंडियों को एक मंच पर लाने श्रेय विनोद बछेती को जाता है.
- श्री बछेती उत्तराखंडी भाषा गढ़वाली-कुंमाउनी के उत्थान के लिए दिल्ली में पिछले कई वर्षों से गढ़वाली-कुंमाउनी कक्षाओं का आयोजन,जिसके माध्यम से दिल्ली में रह रहे हजारों बच्चे गढ़वाली-कुंमाउनी भाषा सीख कर बोलने भी लगे हैं
- दिल्ली सरकार से गढ़वाली-कुंमाउनी अकादमी के गठन के लिए उनका प्रयास महत्वपूर्ण रहा, जिसके फलस्वरूप दिल्ली सरकार ने दिल्ली में गढ़वाली-कुंमाउनी-जौनसारी अकादमी का गठन किया गया.
- श्री बछेती के अथक प्रयासों से दिल्ली में उत्तराखंड के लोक पर्व उत्तरैणी के लिए पहाड़ वासियों को एक मंच पर लाकर दिल्ली में सौ से ज्यादा स्थानों पर उत्तरैणी पर्व का आयोजन किया जाने लगा है.
- उत्तराखंड में बालिकाओं की बेहतर शिक्षा व स्वास्थ्य के लिए निरंतर कार्यरत हैं एवं बालिकाओं के स्वास्थ्य-शिक्षा के लिए निरंतर सहयोग प्रदान कर रहे हैं.
- इसी के साथ नजफगढ़ में उत्तराखंड की बेटी किरन नेगी की हत्या के बाद किरन नेगी को न्याय दिलाने के लिए के उन्होंने जो आंदोलन किया. जिसके बाद इस घटना में शामिल अपराधियों को सजा मिली.
दिल्ली में उत्तराखंडी प्रवासियों पर होने वाले उत्पीड़न के खिलाफ खड़े होकर आवाज उठाना एवं उन्हें न्याय दिलाने की दिशा में निरंतर संघर्षरत रहने में विनोद बछेती की भूमिका अग्रणीय रहती है. विनोद बछेती की मेहनत और संघर्षों को देखते हुए दिल्ली भाजपा ने समाजसेवी विनोद बछेती को मयूर विहार दिल्ली के जिला अध्यक्ष जिम्मेदारी दी है जिसका प्रवासी उत्तराखंडियों ने स्वागत किया है.