घनसाली. जैसे जैसे देश को अनलाक करने की चरणबद्ध कोशिश हो रही है, वैसे वैसे राजनीतिक दलों की सरगर्मियां भी बढ़ने लगी हैं. उत्तराखंड में भी 2022 में चुनाव होने हैं और 2020 का पूरा समय कोरोना के साए में ही बीतने के अनुमान से 2022 के विधानसभा चुनाव लड़ने के दावेदारों ने जनता से संपर्क संवाद बढ़ा दिया है. साथ ही दावेदार अपने लिए मात्र एक साल 2021 को अहम मानते हुए अपनी अपनी दावेदारी भी पेश करने में जुट गए हैं.
कोरोना के बीच ही आम आदमी पार्टी द्वारा उत्तराखंड की सभी सीटों पर लड़ने के ऐलान से कोरोना खत्म होने के इंतजार में बैठे नेताओं ने भी अपनी हलचल बढ़ा दी है. अब धीरे धीरे उत्तराखंड के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में स्थानीय नेता अपनी दावेदारी भी पेश करने में जुट गए हैं. टिहरी जनपद की घनसाली विधानसभा में भी भावी उम्मीदवार जनता के बीच लगातार संपर्क संवाद में हैं.
घनसाली विधानसभा में 2012 में सरकारी नौकरी त्यागकर विधानसभा चुनाव लड़ने वाले सामाजिक कार्यकर्ता शूरवीर लाल अब 2022 की अपनी प्रबल दावेदारी को लेकर जनसंपर्क में जुट गए हैं. शूरवीर लाल जी से UKKhabar.com ने भावी योजनाएं आदि को लेकर विस्तार से बातचीत की. प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश-
क्या 2022 में भी आप चुनाव लड़ेंगे, लड़ेंगे तो किस पार्टी से?
मैं 2022 का चुनाव हर हाल में लड़ूंगा. रही बात पार्टी की, घनसाली क्षेत्र के दावेदारों में मैं कांग्रेस का सबसे वरिष्ठ दावेदार हूं. मेरे पिता श्री जुगदास जी जिला परिषद व बीडीसी में सदस्य रहे हैं. कांग्रेस से पारिवारिक नाता है. इसलिए कांग्रेस से ही दावेदारी करूंगा. मैं पिछली बार भी कांग्रेस से टिकट के दावेदार था, लेकिन पार्टी का निर्णय मानते हुए मैंने चुनाव नहीं लड़ा. लेकिन इस बार मेरी कांग्रेस के समक्ष मजबूत दावेदारी है और मुझे पूरा भरोसा है कि पार्टी इस बार मेरी दावेदारी का समर्थन करेगी.
घनसाली से कांग्रेस के और भी प्रबल दावेदार हैं तो पार्टी आपको टिकट किस आधार पर देगी?
इस बार उम्मीद है पार्टी जनभावना व मेरे जनाधार के आधार पर मेरी दावेदारी को स्वीकार करेगी और मुझे टिकट देगी, क्योंकि जो अपने को दावेदार कह रहे हैं, पिछली बार कांग्रेस उन्हें मौका दे चुकी है. मुझे यकीं है कि पार्टी बार-बार हारने वालों की बजाए घनसाली सीट जीतने के लिए मुझे वरीयता देगी.
राजनीति की ओर क्यों रहा रुझान ?
मैं अपने छात्र जीवन से ही जनहित के मुद्दों पर मुखर रहा हूं. सुंदरलाल बहुगुणा जी व भवानी भाई के साथ 1973 में शराब बंदी आंदोलन, 1975 में बहुगुणा जी के साथ चिपको आंदोलन में साथ रहा. अपनी सेवा के दौरान भी हमेशा क्षेत्रवासियों के अटके कामों को गति दी है. उत्तर प्रदेश के दौरान व राज्य निर्माण के बाद भी कर्मचारी संगठन के प्रतिनिधि के तौर पर मुखर रहा. युवाओं को रोजगार, गरीब जरूरतमंदों को स्वास्थ्य उपचार के लिए सरकार से लोगों की आर्थिक मदद की.
उत्तराखंड आंदोलन में आपकी क्या भूमिका रही ?
उत्तराखंड आंदोलन में आज के घनसाली के दावेदारों में मैं अकेला व्यक्ति हूं जो 1994 में आंदोलन के दौरान 31 दिन बरेली आदि जेलों में बंद रहा. उस समय कर्मचारी संगठन और उत्तराखंड आंदोलनकारी होने के नाते जेल में बंद रह कर अलग उत्तराखंड राज्य की आवाज बुलंद की.
इसके अतिरिक्त राजकीय इंटर कालेज कठूड़, राजकीय इंटर कालेज मथकुड़ी में विज्ञान वर्ग की मान्यता पद सहित दिलाने में भूमिका निभाई. शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में तमाम समस्याओं के चलते समय समय पर आवाज उठाई और घनसाली, धोपड़धार, अखोड़ी, धमातोली में स्वास्थ्य शिविर लगवाने के काम किए. जगदी शिला रोड़ व राजराजेश्वरी के लिए 3-3 किमी की रोड के प्रस्ताव सबसे पहले मैंने तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा जी के सामने रखे.
वर्तमान जनप्रतिनिधि के कामकाज के बारे में कुछ कहेंगे?
वर्तमान जनप्रतिनिधि के कामकाज के बारे में मैं कुछ नहीं कहूंगा, क्षेत्र की खस्ताहाल सड़कें, बिना शिक्षकों के स्कूल, बीमार अस्पताल जो कहना है खुद कह रहे हैं.
समय से पहले नौकरी छोड़ने के उस निर्णय को अब कैसे देखते हैं?
मैं गंगी से लेकर पिनस्वाड़ तक हर दुर्गम क्षेत्र में गया हूं. यहां की समस्याएं ही मेरे लिए शिक्षा विभाग के प्रशासनिक अधिकारी पद से सेवानिवृति का कारण रहीं. मैंने घनसाली क्षेत्र की समस्याओं के समाधान के लिए ही राजनीति में आने का निर्णय 2011 में लिया. मैंने अपने सेवाकाल से पहले ही 30 अप्रैल 2011 को सेवानिवृति लेकर घनसाली की जनता की सेवा करने का संकल्प लिया.
मैंने 2011 में लगातार 3 महीने पैदल चलकर पूरे क्षेत्र का भ्रमण किया और यहां की जनसमस्याएं करीब से देखीं. मुझे नौकरी से समय पूर्व सेवानिवृति के तब के निर्णय पर कभी अफसोस नहीं है, क्योंकि मुझे जनता के बीच रहने का अधिक समय मिला. अब जनता 2022 का बेसब्री से इंतजार कर रही है और मुझे जनता का आशीर्वाद इस बार जरूर मिलेगा.
अब यदि आपको प्रतिनिधित्व का मौका मिला तो सबसे पहले क्या काम करेंगे?
मैं शिक्षा विभाग में लंबे समय तक जुड़े रहने के कारण मेरी सबसे पहले प्राथमिकता घनसाली क्षेत्र के सभी स्कूल कालेजों में शिक्षकों की कमी दूर करने की होगी. तकनीकि शिक्षा, अंग्रेजी माध्यम के अच्छे स्कूल खोलने, स्वास्थ्य और सड़क पर पहला काम होगा.
जनता से आपकी अपील ?
मेरी घनसाली विधानसभा क्षेत्र की जनता से यही अपील है कि जनता को जब जनप्रतिनिधि चुनने का अवसर मिलता है तो उस वक्त क्षेत्र के नौजवानों के भविष्य, विकास आदि की ओर देखकर की अपना निर्णय दे. मुझे पूरा यकीं है कि घनसाली की जनता इस बार मुझे अपना आशीर्वाद अवश्य देगी.