घनसाली. पूर्व प्रमुख धनी लाल शाह द्वारा घनसाली विधानसभा की विभिन्न मांगों को लेकर चल रहा धारना/आंदोलन सोमवार को 7वें दिन भी जारी रहा. पूर्व प्रमुख धनी लाल शाह घनसाली विधनसभा क्षेत्र की समस्याओं को लेकर 22 सितंबर से घनसाली तहसील में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं.
टिहरी जनपद के घनसाली तहसील में हो रहे इस धरने पर प्रशासन द्वारा एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी धरने पर बैठे नेताओं से जनसमस्याओं के समाधान के लिए कोई पहल नहीं की है, जिससे अब धीरे धीरे क्षेत्रवासियों में भी आक्रोश दिखाई देने लगा है. गांव गांव यह चर्चा आम होने लगी है कि घनसाली की समस्याओं के प्रति सरकार को भी लेनादेना नहीं है और सरकार जब नेताओं, विपक्ष की नहीं सुन रही है, तो आम जनता की कौन सुनेगा. शाह ने बताया कि हमारा आंदोलन अभी गांधीवादी तरीके से चल रहा है, यदि शासन प्रशासन की नींद नहीं खुली तो हमें उग्र आंदोलन के लिये बाध्य होना पड़ेगा.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हिम्मत सिंह रौतेला और साहब सिंह नेगी ने बताया कि अधिकारी बेलगाम हैं जिसके चलते जनता के छोटे छोटे काम भी नहीं हो पा रहे हैं. इस अवसर पर अनु. जाति विभाग के जिलाध्यक्ष प्रकाश चन्द्र, यशवंत सिंह गुसांईं, सोहन लाल परोपकारी, चंद्रवीर सिंह तोमर, विजेंद्र सिंह पंवार, जयदीप सिंह रावत, संजय रावत, महेश चन्द्र रमोला, गोविंद सिंह रौतेला, उमराव सिंह, गंभीर सिंह भण्डारी, धनपाल सिंह रावत, प्रेम लाल त्रिरकोटिया, सतीश उनियाल, महिपाल सिंह, मुकेश शाह, उम्मेद लाल, सुन्दर लाल सैलानी विजय राम भट्ट आदि कई लोग मौजूद थे.
पूर्व विधायक भीम लाल आर्य, शूरबीर लाल भी पहुंचे
धनीलाल शाह द्वारा चलाए जा रहे धरना आंदोलन में कांग्रेस के प्रदेशस्तरीय नेताओं के आने के बाद 26 सितंबर को पूर्व विधायक भीम लाल आर्य भी घनसाली पहुंचे. इस दौरान पूर्व विधायक भीम लाल आर्य ने कहा ये सरकार जनविरोधी है और जनता की मांगों पर संबेदानशील नहीं है. घनसाली विधानसभा क्षेत्र में सड़क बिजली, पानी, संचार सुविधाओं का टोटा है, जिसके चलते जनता में आक्रोश है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शूरबीर लाल ने घनसाली विधानसभा में शिक्षा और स्वास्थ्य की सुविधाओं का नितांत टोटा है, जिसका शीघ्र निराकरण किया जाय. मैं धरने का पूर्ण समर्थन करता हूं.
बता दें कि हाल ही में जिला अध्यक्ष राकेश राणा ने सभी कांग्रेस जनों से एकजुट हो कर काम करने और कांग्रेस को मजबूत करने की अपील की थी, जिसका असर घनसाली में पार्टी नेताओं द्वारा धरने के समर्थन की एकजुटता के रूप में देखा जा रहा है.