-राकेश पुंडीर
पौड़ी. उत्तराखंड के पौड़ी जिले को न्यू टूरिज्म हब बनाने के उद्देश्य से आयोजित नयार वैली फेस्टिवल ने राज्यवासियों के साथ ही देश और दुनिया का ध्यान इस सुंदर नयार वैली की ओेर आकृष्ट किया है. बता दें कि बिलखेत पौड़ी गढ़वाल के सतपुली विकासखंड में पौड़ी गढ़वाल की पौराणिक नयार नदी के किनारे स्थित है. यह कल कल बहती नयार नदी के किनारे गौचर जैसा सुंदर और समतल स्थल है.
नयार वैली को राज्य में पर्यटन और क्षेत्र के युवाओं के लिए रोजगार की संभावनाएं विकसित करने उत्तराखंड सरकार विश्व के पर्यटन मानचित्र पर एक खास पहचान दिलाने जुटी है. राज्य सरकार उत्तराखंड में 13 डिस्ट्रिक्ट 13 डेस्टीनेशन की संकल्पना को साकार करने उत्तराखंड के सभी जिलों में पर्यटन गतिविधियों को नया आयाम देने का कार्य कर रही है.
बड़ी संख्या में पहुंचे पैराग्लाईडिंग के शौकीन
पौड़ी जिले में भी न्यू टूरिज्म हब निर्माण करने के उद्देश्य से नयार वैली में आयोजित फेस्टिवल में उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार द्वारा संचालित पैराग्लाईडिंग ट्रेनिग सेंटर के साथ साथ मॉऊंटेनिंग, रोप कलाइंबिग, Adventurous ट्रैकिंग, वर्षा ऋतु में राफ्टिंग आदि के ट्रेनिंग सेंटर शुरू कर दिये हैं. फेस्टिवल का उद्घाटन बिलखेत में 19 नवंबर को मुख्यमंत्री के करकमलों द्वारा किया गया है. जहां बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचे और इस खूबसूरत वैली का दीदार किया.
उत्सव में हुआ वीर भड़ माधोसिंह भंडारी नाटिका का मंचन
नयार वैली के इस पहले उत्सव में पर्यटन के साथ ही उत्तराखंड की लोक संस्कृति की भी धूम रही. इस अवसर पर सांस्कृतिक प्रस्तुति के लिए पर्वतीय नाट्य मंच मुंबई की टीम को आमंत्रित किया गया. पर्वतीय नाट्य मंच की टीम ने एतिहासिक वीर भड़ माधोसिंह भंडारी नाटिका की यहां रंगारंग 14वीं प्रस्तुति दी, जिसकी स्थानीय दर्शकों व लगभग १५५ देशी विदेशी पैरागलाइडिंग प्रतियोगियों द्वारा मुक्तकंठ से सराहाना की गई. अभिनेता बलदेव राणा, शालिनी सुंदरियाल, अक्षय चौहान, अतुल रावत, गणेश सती, कुलदीप परमार, नील शाह, वरुण कश्यप, राजन पाल, संजना चौहान, ज्योति रावत, स्वाति रावत, संगीता चौहान, एकता रावत, पूनम भट्ट आदि कलाकारों व तकनीशियनों ने वीरभड़ माधोसिंह भंडारी गीत नाटिका में भाग लिया. वीरभड़ माधोसिंह भंडारी की निर्मात्री- ममता भट्ट हैं. यहां वीर भड़ माधोसिंह भंडारी नाटिका का मंचन तब और भी खास लगा जब यहां नदी के बावजूद खेतों में सिंचाई के लिए पानी नहीं है.
मलेथा के खेतों जैसी बिलखेत की भूमि
बिलखेत की भूमि का भौगोलिक प्रदृश्य हूबहू मलेथा के खेतों जैसा ही है, जहां नदी नीचे है और खेत ऊपर हैं. सिंचाई के लिये पर्याप्त पानी उपलब्ध न होने के कारण यहां की अथाह समतल जमीन 425 वर्ष पश्चात भी उखड़ ही रही है. यहां नदी नजदीक होने के बावजूद सिंचाई की गूल नहीं है और 425 वर्ष पूर्व मलेथा में नहर पहुंचाने वाले भड़ माधोसिंह से प्रेरणा लेकर सरकार यहां नहर पहुंचाए ऐसी मांग यहां आए पत्रकारों ने सिंचाई विभाग से है.
अभिनेता बलदेव राणा ने जताया आभार
उत्तराखंड सरकार द्वारा नायर वैली आयोजन का सांस्कृतिक कार्यक्रम म वीरभड़ माधोसिंह भंडारी नाटिका तैं सम्मिलित करि, वेका वास्ता पर्वतीय नाट्य मंच कि टीम धन्यवाद देंदी उत्तराखंड सरकार तैं, साथ म आभार व्यक्त करदिन महोदय धीराज सिंह गबरियाल जी (जिला अधिकारी पौड़ी गढ़वाल), राजेंद्र कुमार जी (डीओए पौड़ी गढ़वाल) एवं समस्त आयोजन कमेटी व दर्शकों को जोंन ऐतिहासिक गाथा तैं प्रोत्साहन दे.