उत्तरकाशी. रेडक्रॉस भवन, विश्वनाथ चौक में ब्याली ऐतवार २१ गते क दिन मंगशीर बग्वाल अबारी की बक्त (14 दिसंबर को) गौं गौं म मनौण का खातिर बहुत ही सकारात्मक माहौल मा बग्वाल बैठक सम्पन्न ह्वे. बैठक मा उपस्थित होई हमारा अलग अलग गौं का सम्मानित प्रधानों/प्रतिनिधि म श्रीमती संजू नेगी साल्ड, श्रीमती ममता नौटियाल सैंज, श्री प्रथम सिंह नेगी जी बगियाल गांव, श्री सोहनपाल सिंह रमोला सौंरा, श्री मुकेश पंवार अगोड़ा, श्री शूरवीर सिंह नेगी पोखरी, श्री संदीप सेमवाल ग्राम संग्राली, सोहन पाल सिंह भंडारी जुणगा, श्री प्रीतम सिंह रावत पाही, वीरेंद्र प्रसाद जोशी बड़ेथी, उमेद पवार ग्राम भंकोली, दिवाकर नैथानी संग्राली और बहुत ही ऊर्जावान अनघा माउंटेन का समस्त साथी जु २००७ बीटी अपड़ी संस्कृति, बोली अर सभ्यता बचौण का खातिर पूर्ण समर्पित छ।
आवा आवा.. ऐंसू की बग्वाल गौं गौं म मनावा
आवा आवा.. ऐंसू की बग्वाल गौं गौं म मनावा (यू मंगशीर बग्वाल कु अबारी की बक्त टैग लाइन छ). अनघा माउंटेन संस्था कु ये साल यू उद्देश्य छ कि अपणी उत्तरकाशी की परंपरा और संस्कृति तैं कै भि तरह सि राष्ट्रीय अर विश्व पटल पर स्थापित करनू कु प्रयास आप सबू दगडी मिली कैं करूला। या उत्तरकाशी की बग्वाल पिछला ५ सालु मा मसूरी, दिल्ली अर मुम्बई तलक पहुंचाई गई और अब अपड़ा गौं-गौं तक भी य हर्षोल्लास सि मनाई जावा यू भी हमारू दायित्व छ।
बैठक में अनघा माउंटेन के संयोजक अजय पुरी, मालगुज़ार शैलेन्द्र नौटियाल, सचिव राघवेंद्र उनियाल, मोहन डबराल, डॉ. एस. डी. सकलानी, कन्हैया सेमवाल, उमेद पंवार, ममराज नेगी, कृष्णा नंद बिजल्वाण, जमुना उनियाल, डॉ महेंद्र परमार, रजनी चौहान, मुक्ता गौड़, उमेश बहुगुणा, माधव भट्ट,सुरेंद्र उनियाल आदि उपस्थित थे।
क्या है मंगसीर की बग्वाल
मंगसीर की बग्वाल गढ़वाली सेना की तिब्बत विजय का यह उत्सव है. पूरे देश में जब दीपावली हो रही थी उस समय बीर भाड़ माधो सिंह भंडारी और उसकी सेना तिब्बत पर विजय कर रही थी, जिसके बाद यह उत्सव एक महीने बाद मंगसीर बग्वाल के रूप में मनाया जाता है.
मंगसीर की बग्वाल गढ़वाली सेना की तिब्बत विजय का यह उत्सव है. पूरे देश में जब दीपावली हो रही थी उस समय बीर भाड़ माधो सिंह भंडारी और उसकी सेना तिब्बत पर विजय कर रही थी. जिसके बाद यह उत्सव एक महीने बाद मंगसीर बग्वाल के रूप में मनाया जाता है
जानकार बताते हैं कि मंगसीर की बग्वाल गढ़वाली सेना की तिब्बत विजय का यह उत्सव है. पूरे देश में जब दीपावली हो रही थी उस समय बीर भाड़ माधो सिंह भंडारी और उसकी सेना तिब्बत पर विजय कर रही थी. जिसके बाद यह उत्सव एक महीने बाद मंगसीर बग्वाल के रूप में मनाया जाता है. इस बार 14 दिसंबर को मंगसीर बग्वाल मनाई जाएगी.