अखोड़ी. उत्तराखंड के प्रसिद्ध केदार नृत्य की प्रख्यात लोक संस्कृतिकर्मी गजुला देवी (Gajula Devi) का बीती देर रात टिहरी गढ़वाल के ढुंग (अखोड़ी) में निधन हो गया। उत्तराखंड के गांधी इंद्रमणि बडोनी जी के निर्देशन में गणतंत्र दिवस की परेड में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व करने वाली टीम की सदस्य रहीं गजुला देवी धर्मपत्नी श्री शिवजनी उस टीम की अंतिम जीवित महिला संस्कृतिकर्मी थी.
गजुला देवी ने 1956 और फिर 1960 के दशक में भी दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड के अवसर पर केदार नृत्य की रंगारंग प्रस्तुति देकर तक जवाहरलाल नेहरू जी को भी उत्तराखंड की कलासंस्कृति से मंत्रमुग्ध कर दिया था. टिहरी गढ़वाल की यह टीम उत्तराखंड के गांधी इंद्रमणि बडोनी के निर्देशन में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व करने गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल हुई थी, जिसमें उनके पति शिवजनी भी मुख्य ढोल वादक के रूप में शामिल थे। गज़ुला देवी के पति शिवजनी उत्तराखंड के श्रेष्ठ और पारंगत ढोल वादक और लोक गायक हैं।
बिडम्बना रही कि उत्तराखंड लोक संस्कृति के प्रचार प्रसार के लिए जीवन समर्पित करने वाले ऐसे लोक कलाकारों को सिर्फ सांस्कृतिक कार्यक्रमों में तालियां और वाहवाही ही नसीब हुई. लोक कला के संवाहक शिवजनी जी व गजुला देवी गांव की छानियों (जबाला) में ही जीवन यापन करते रहे। कार्यक्रम होने के बाद न सरकारों ने उनकी सुध ली न उनके प्रतिनिधियों ने।