देहरादून। आज 16 जून को दूसरे दिन भी उत्तराखंड क्रांति दल के नेतृत्व मे डिफेंस कोलोनी गेट के विरोध मे धरना प्रदर्शन किया गया।
केंद्रीय मीडिया प्रभारी शिव प्रसाद सेमवाल ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि 2 दिन के अंदर प्रशासन इस गेट को नहीं हटाता है तो स्थानीय निवासी स्वयं यह गेट हटवा देंगे जिसकी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।
डोईवाला विधानसभा के बद्रीपुर गांव के 1000 परिवार गांव वासियो का पुश्तैनी यह रास्ता 1942 तक 12 फुट की रोड थी।
विरेन्द्र सिंह रावत ने कहा डिफेन्स कालोनी के कुछ रिटायर्ड फ़ौजी अपनी तानाशाही पर उतर आए और दो दिन पूर्व गांव वासियो का रास्ता बंद कर दिया। बाउंड्री वाल लगा कर गेट लगा दिया। भारी भरकम पोल भी लगा दिया। सिक्योरिटी गार्ड भी लगा दिया, जबकि उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का निवास भी यहाँ से 300 मीटर पर है लेकिन उनके कान मे जूं भी नहीं रेंगी।
देहरादून महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष सुलोचना ईष्टवाल ने महिलाओं को एकजुट होकर जनांदोलन छेड़ने के लिए तैयार रहने की अपील की।
समाजसेवी सीमा कटारिया ने कहा कि गांव वाले उस रोड से दिनचर्या करते हैं। वहाँ से राशन, पानी, स्कुल जाना, हॉस्पिटल जाना, बैंक जाना, दूध लाना ले जाना आदि काम करते हैं।
पूर्व प्रधान वीरेंद्र वालिया ने कहा कि हम खुद गवाह है हमने ज़ब से होश संभाला था हम उधर से जाते थे। पहली बार देखा की आर्मी वाले इतने निर्दयी होते है जो आम इंसान की कदर नहीं करते।
सीमा कटारिया ने कहा कि रोड बंद कर बद्रीपुर को पाकिस्तान बॉर्डर बना दिया गया है। दुख होता है। अगर दो दिन के अंदर रास्ता नहीं खोला गया तो उग्र धरना प्रदर्शन किया जाएगा। रास्ता खोला जाए रास्ता इंसान के लिए है।
धरने के दूसरे दिन यूकेडी के केंद्रीय अध्यक्ष खेल प्रकोष्ठ विरेन्द्र सिंह रावत ( इंटरनेशनल, नेशनल और स्टेट अवार्ड से सम्मानित ), केंद्रीय मीडिया प्रभारी शिव प्रसाद सेमवाल, केंद्रीय युवा अध्यक्ष राजेंद्र बिष्ट, संजय बहुगुणा केंद्रीय संगठन महामंत्री, महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष सुलोचना ईष्टवाल, ज़िला कार्यकारी उपाध्यक्ष किरन रावत, सीमा रावत ज़िला युवा अध्यक्ष, दिनेश नेगी, गांव वासी पूर्व प्रधान पति विरेन्द्र वालिया, उषा, रीना, शालिनी कैंतुरा, सुमित्रा, पार्षद सचिन थापा, युथ कांग्रेस नेता गौरव सिंह, मोहित वालिया, अशोक सेमवाल, नवीन ठाकुर, आनंद सिंह आदि हजारों गांव वासी महिला, पुरुष, युवा, बच्चे, बुजुर्ग ने दूसरे दिन भी धरना प्रदर्शन किया।