रुड़की. भारत की गौरवशाली हिंदू सनातन धर्म व संस्कृति के प्रतीक कई मठ व अखाड़े लोक कल्याण के साथ जीवन की खुशहाली के लिए धर्मोपदेश का प्रचार कर दिशा दे रहे हैं। सिद्ध योग मठ अखाड़ा द्वारा रुड़की में अध्यात्म, योग, धर्म साधकों को पट्टाभिषेक समारोह में महामंडलेश्वर के स्वरूप से विभूषित किया गया। सिद्ध योग मठ अखाड़ा के शिव नेत्र पूज्य राज राजश्री आचार्य महामहामंडलेश्वर श्री श्री 1008 योगी अलख नाथ महाराज अघोरा ने मंत्रोचार के साथ तीन दशक से अध्यातम ज्योतिष ज्ञान से लोक कल्याण की साधना में लगे भिलंग पट्टी के मूल निवासी आचार्य पंडित रमेश सेमवाल को महामंडलेश्वर पट्टाभिषेक कर सुशोभित किया गया।
योगी अलख नाथ ने मंत्रों के गूढ़ रहस्यों को बताते हुए कहा कि सत्य का संधान जरूरी है. प्राचीन पद्धतियों को आधुनिक परिवेश के अनुसार प्रासंगिक बनाने की आवश्यकता है. ताकि उसका लाभ आम जनमानस तक सुलभ हो सके। हर घर में बच्चों को धर्म से जोड़ने के संस्कार दिये जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि भगवान शिव का अर्ध नारेश्वर स्वरूप हमें बताता है की नारी हमारा शरीर का आधा हिस्सा है आज नारियों पर आत्यचार हो रहे है क्या कोई अपने शरीर के हिस्से पर आत्याचार सहन कर सकता है इसको समझने की आवश्यकता है।
मुख्य अतिथि राज्य मंत्री पंडित राजेंद्र प्रसाद अंथवाल ने समाज के कल्याण में आचार्य पंडित रमेश सेमवाल के योगदान की सराहना करते हुए कहा की उनकी साधना व योग्यता से महामंडलेश्वर पट्टाभिषेक से हम सब गौरवान्वित है। उन्होंने गो, गंगा गायत्री के सनातन धर्म को समझने की आवश्यकता पर बल दिया। मेयर गौरब गोयल ने पंडित रमेश सेमवाल के महमण्डलेश्वर पट्टाभिषेक होने पर प्रसन्नता प्रकट किया। इस अवसर पर महामंडलेश्वर संत कमल किशोर, गो रक्ष धाम आश्रम के महामंडलेश्वर महंत डॉ. जोगेंद्र नाथ ने अध्यातम योग धर्म संस्कार पर प्रकाश डाला।
गुरुकुल संचालिका डॉ. सविता ने गुरुकुल के अंतर्गत वेदों का अध्यन कर रहे छात्रों के बारे मे बताया। गुरुकुल के छात्रों द्वारा वेद मंत्रो के साथ बेटियों को शिक्षित करने का आह्वान किया। महामंडलेश्वर पंडित रमेश सेमवाल के द्वारा शुरू किये जा रहे गुरु कुल में द्वादश ज्योतिर्लिंग का पार्थिव शिव लिंग का पूजन व रुद्राभिषेक राष्ट्र कल्याण हेतु बाल ब्राह्मणों द्वारा किया गया। महामंडलेश्वर पट्टाभिषेक से विभूषित होने पर पंडित रमेश सेमवाल ने कहा की हमें अपने सनातन धर्म के गौरव को विधर्मियों से बचाने तथा लोक कल्याण के लिए वैदिक अध्यातम ज्ञान को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है।
गुरुकुल के सरंक्षक महामंडलेश्वर योगी अलख नाथ बनाये गये। इस अवसर पर कोठारी महंत, श्री मोनी नाथ, शिशु नाथ, योगी राजकुमार चौहान, संघ के वरिष्ठ प्रचारक जितेंद्र सेमवाल, अध्यक्ष ब्राह्मण सभा सतीश शर्मा, महेश गंगा, गायत्री त्रिशक्ति शाश्वत धाम के तेजराम सेमवाल, विधायक देशराज कर्ण वाल, समाजसेवी दर्शनलाल आर्य, राजा दीवान, संदीप ममंगाईं, वैभव शर्मा सुनीता गोस्वामी, शास्त्री मुकेश प्रसाद, संजीव प्रसाद, प्रवीण प्रसाद, विनोद प्रसाद शास्त्री सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति व धर्म प्रेमी जनता उपस्थित थी।