घनसाली. उतराखंड की सीमांत व दुर्गम विधानसभा घनसाली के विकास को लेकर अब क्षेत्र के विदेशों में रहने वाले प्रवासी उत्तराखंडी भी आगे आ रहे हैं। सुदूर गांवों की उपेक्षा और विकास के लिए तरसते गांवों की चिंता ग्रामीणों के साथ ही यहां के सात समंदर पार रह रहे मूल निवासियों को भी सता रही है।
बढ़ते भारत में पिछड़ते घनसाली की पीड़ा अब और असहनीय हो चली है, जिसके समाधान के लिए यहां सामाजिक सहभागिता के जरिए विकास का मंत्र खोजने की पहल की जाने लगी है। कोशिश की जा रही है कि सरकार की योजनाओं का लाभ घनसाली विधानसभा के लोगों तक पहुंचना कैसे सुनिश्चत किया जाए।
जन प्रयास संगठन ने किया गांवों का भ्रमण
घनसाली क्षेत्र के समाजसेवी, उद्यमी, विदेशों में सेवारत लोगों के साथ मिलकर क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, बुद्धिजीवियों व स्थानीय नागरिकों ने क्षेत्र के बहु आयामी समग्र विकास को लेकर जन प्रयास (people effort) प्लेट फॉर्म संगठन के तहत घनसाली, बाल गंगा व भिलंगना घाटी में एक नयी पहल के साथ विचार विमर्श करना शुरू कर दिया है। जन प्रयास संगठन के जरिए कोशिश की जा रही है कि गावों के आर्थिकी के साथ बुनियादी सुविधाओं को जुटाने के लिए सार्थक प्रयास किया जाएं।
जन प्रयास संगठन ने इन दिनों गांव गांव का भ्रमण कर राज्य बनने के बाद घनसाली विधानसभा में विकास के दावों का रियलिटी चेक किया। इसी कड़ी में संगठन ने भिलंगना घाटी के पोखार, मलेथा गांव, बालगंगा के कुछ अन्य गांवों और अखोड़ी में भ्रमण कर विकास की हकीकत को करीब से देखा।
धरना प्रदर्शन में भी दर्ज कराई अपनी उपस्थिति
जन प्रयास संगठन ने विकास के दावों का रियलिटी चेक करने के लिए उत्तराखंड के गांधी स्व. इन्द्रमणी बडोनी जी के गांव का भी भ्रमण किया. उतराखंड के गांधी स्व. इन्द्रमणी बडोनी के गांव अखोड़ी में स्विटजरलैंड में आईटी सेक्टर के प्रभारी सचिदानंद सेमवाल, स्विस बैंक के ट्रेडिंग हेड विनोद बिष्ट और जन प्रयास संगठन की टीम ने अपने भ्रमण के दौरान राजकीय इंटर कालेज अखोड़ी में शिक्षकों की नियुक्ति की मांग को लेकर चल रहे धरना प्रदशर्न में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई.
उन्होंने कहा कि सरकार की उदासीनता इस कदर है कि स्व. इन्द्रमणी बडोनी के गांव के कालेज में भी प्रयाप्त शिक्षक नहीं हैं और लोग अनिश्चतकालीन धरना देने मजबूर हैं. इस गांव के करीब ही स्थानीय विधायक शक्तिलाल शाह का घर है और जब विधायक जी के घर का हाल यह है तो सुदूर क्षेत्रों के हाल का अंदाजा लगाया जा सकता है.
अखोड़ी में स्विटजरलैंड में आईटी सेक्टर के प्रभारी सचिदानंद सेमवाल, स्विस बैंक के ट्रेडिंग हेड विनोद बिष्ट ने बताया कि विश्व के अनेक देशों में घनसाली क्षेत्र के सबसे अधिक प्रवासी रहते हैं। स्विट्जरलैंड में हिंदू स्वयं सेवक कार्यकर्ता विनोद बिष्ट, सचिदानंद सेमवाल, खाड़ी देश में कार्यरत पंचम सिंह राणा ने चिंता व्यक्त करते हुए बताया कि देश के आजादी के 75 वर्ष बाद तथा उतराखंड राज्य बनने के 20 वर्ष बाद भी घनसाली के गांवों में बुनियादी सुविधाओं का अभाव बना हुआ है। गांव बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य सड़क, बिजली, पेयजल, सिंचाई रोजगार, दूर संचार कनेक्टिविटी जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं और ग्रामीण पलायन का दंश झेलने को मजबूर है। विदेशों मेंं रह रहे घनसाली के प्रवासियों और जन प्रयास संगठन की इस अभिनव पहल से विकास की उम्मीदें जग रही हैं।
घनसाली विधानसभा के विकास के लिए सही प्रतिनिधित्व की जरूरत
इस दौरान संघ कार्यकर्ता दर्शनलाल आर्य ने भाजपा व केंद्र सरकार की अनेक योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा सरकार विकास के मामले में देश और राज्य को निरंतर आगे ले जा रही है, लेकिन राज्य विधानसभा में दुर्गम क्षेत्र घनसाली का बेहतरीन प्रतिनिधित्व नहीं होने से घनसाली विधानसभा के लोग शिक्षकों की कमी, संचार सेवाओं सहित मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। दर्शनलाल आर्य ने कहा घनसाली के विकास के लिए जनता के लिए समर्पित प्रतिनिधि की जरूरत है। दर्शनलाल आर्य ने कहा कि भाजपा ने अगर 2022 में मुझे मौका दिया तो जहां सरकार की योजनाओं का लाभ एक एक व्यक्ति तक पहुंचाएंगे, वहीं देश विदेश में गए घनसाली के प्रवासियों की आर्थिक और बौद्धिक संपदा का पूरा इस्तेमाल घनसाली के विकास में समर्पित कर देंगे।
समूह के सदस्यों ने ब्लॉक प्रमुख भिलंगना श्रीमती बसुमति घनाता से भेंटकर विकास कार्यों की भी जानकारी ली। इस संपर्क अभियान में संगठन के कोर्डिनेटर तेजराम सेमवाल, दिवाकर सेमवाल, जिला पंचायत सदस्य नरेंद्र रावत, भजन रावत, गोविंद बडोनी, राजेंद्र थपलियाल, जितेंद्र थपालियाल, गजेंद्र राणा, गिरीश थपलियाल, देव नैथानी जगदीश सेमवाल, रमेश नेगी, हरी सिंह कंडारी, पूरब सिंह नेगी, सहित क्षेत्र के कई गण मान्य व्यक्तियों ने विचार व्यक्त किया।