घनसाली. चुनाव की दहलीज पर खड़े उत्तराखंड में राज्य के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जहां रोज नई नई घोषणाएं कर रहे हैं, वहीं चंद महीनों पहले किए गए वादे भूलते जा रहे हैं. जिस घनसाली क्षेत्र के दुर्गम क्षेत्र के स्कूल कालेज में पर्याप्त शिक्षकों का अभाव हो, अभिभावक आमरण अनशन और बच्चे सड़कों पर प्रदर्शन के लिए मजबूर हों, बालगंगा महाविद्यालय के प्रांतीयकरण की मांग सालों से लंबित हो, एक अदद आईटीआई, पोलिटेक्निक कालेज नहीं हो, उस घनसाली क्षेत्र के लिए शिव शक्ति डोल संस्कृति संगीत महाविद्यालय की स्थापना जैसी घोषणाएं लोगों को आक्रोशित कर रही हैं.
मुख्यमंत्री जी की इन चुनावी घोषणाओं को छोड़ भी दें तो इससे पहले अखोड़ी के लिए दिया गया आश्वासन जुमला ही साबित हुआ है. या यूं कहें कि उत्तराखंड सरकार के अधिकारी मुख्यमंत्री के आश्वासन, घोषणाओं को जानबूझकर ठंडे बस्ते में डाल रहे हैं. अगर हम बात राज्य के शिक्षा विभाग की करें तो ऐसा ही प्रतीत हो रहा है. जहां कल सूबे के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी टिहरी जनपद के नरेंद्रनगर में नई नई घोषणाओं की बरसात कर रहे थे, वहीं इसी जनपद के घनसाली विधानसभा के आदर्श विद्यालय राजकीय इंटर कालेज अखोड़ी के सैकड़ों छात्र छात्राएं “बिना शिक्षक कैसे पढ़ें सरकार” के नारों के साथ सड़कों पर प्रदर्शन करने मजबूर थे.
राज्य के मुख्यमंत्री जी उत्तराखंड राज्य के शहीदों के सपनों के अनुरूप राज्य को बनाने की बात मंचों पर कहते आए हैं. अभी राज्य स्थापना दिवस के चंद दिन भी नहीं बीते हैं कि राज्य निर्माण के अग्रदूत स्व. इंद्रमणि बडोनी जी के मूल गांव अखोड़ी के यह सैकड़ों विदयार्थी अपने शिक्षा अधिकार पाने शिक्षकों की मांग को लेकर सड़कों पर हैं.
पिछले महीने यहां अभिभावक संघ के अध्यक्ष श्री विक्रम घनाता, कुलदीप चौधरी आदि के नेतृत्व में लगातार 12 दिनों तक धरना आंदोलन और आमरण अनशन किया गया था. यह आंदोलन इस आश्वासन के साथ खत्म हुआ था कि शीघ्र यहां अध्यापकों की नियुक्ति/व्यवस्था की जाएगी. यह आश्वासन प्रदेश के मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिव एवं मुख्य शिक्षा अधिकारी तक ने दिया, लेकिन आश्वासन-घोषणा के बावजूद यहां अभी तक भी बच्चों को रिक्त पदों पर शिक्षक नहीं मिले. बिना शिक्षकों के अपने भविष्य पर मंडरा रहे खतरे को देख विद्यालय के सैकड़ों छात्र-छात्राएं इन दिनों ” बेहतर शिक्षा लेके रहेंगे, हमारी मांग सुनो सरकार,” की बुलंद आवाज के साथ अपनी मांग को सरकार तक पहुंचाने के लिए तालाबंदी आंदोलन के लिए मजबूर हैं.
अभिभावक संघ के अध्यक्ष श्री विक्रम सिंह घनाता ने बताया कि अब जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होती हैं, यह धरना अनिश्चितकालीन चलेगा. उन्होंने कहा शीघ्र अर्धवार्षिक परीक्षा भी होनी हैं और यदि मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिव एवं मुख्य शिक्षा अधिकारी नरेंद्रनगर द्वारा शिक्षकों की नियुक्ति की हमारी मांग पूरी नहीं हुई तो अनिश्चितकालीन आंदोलन चलता रहेगा, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शिक्षा विभाग एवं सरकार की होगी.
आदर्श विद्यालय राजकीय इंटर कालेज अखोड़ी में दूसरी बार हो रहे धरने के तीसरे दिन तालाबन्दी का कोई असर सरकार के नुमांइदों पर नहीं पड़ा है. इस बीच, संघ के अध्यक्ष श्री घनाता ने बताया कि पिछले महीने चले आंदोलन के बाद शिक्षा विभाग ने खुद लिखकर आश्वसान दिया था कि आपके विद्यालय में रिक्त प्रवक्ताओं की नियुक्तियां कर दी जायेगी, जो 2 महीने का समय बीत जाने के बाद भी नहीं कर पाए. उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई खोखली घोषणाओं को शिक्षा विभाग पूरी नहीं कर पा रहा है.
हैरत में डाल देगा विभाग का यह कारनामा !
इस संबंध में एक हैरत कर देने वाली बात सामने आ रही है. श्री विक्रम घनाता ने बताया कि अभिभावकों की सर्तकता और अपने हकों के लिए लड़ रहे छात्र छात्राओं से परेशान शिक्षा विभाग द्वारा यहां अध्यापकों के जरिए कक्षा 11 में पढ़ रहे गणित के छात्रों को जीवविज्ञान विषय चुनने की कोशिशें करवाई जा रही हैं. सरकार से शिक्षकों की नियुक्ति की उम्मीद छोड़ चुके विद्यालय के छात्रों में इस बात का असर दिखाई भी दिया है. यहां 9 नवंबर को 3 लड़कों ने गणित विषय छोड़ जीव विज्ञान विषय को मजबूरन चुना है. राज्य निर्माण के दिवस (9 नवंबर) पर सरकार से बच्चों की नाउम्मीदी और भविष्य की चिंता में भले 3 छात्रों ने मजबूरन सब्जेक्ट बदल दिया हो, लेकिन क्षेत्र के युवा नेता और पैरेंट टीचर संघ के अध्यक्ष श्री विक्रम घनाता ने कहा कि हम विभाग की यह कोशिश सफल नहीं होने देंगे. उन्होंने आक्रोश जताया कि अटैचमेंट के नाम पर शिक्षक दुर्गम क्षेत्र को छोड़ सरकार व जनप्रतिनिधियों से साठगांठ कर सुगम में अपनी ड्यूटी दे रहे हैं. घनता ने कहा, पहाड़ के बच्चों की किसी को कोई फिक्र नहीं है.