ऊधमसिंहनगर. ऊधमसिंहनगर की जिलाधिकारी एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीमती रंजना राजगुरू ने गुरूवार की सांय प्रशासनिक अधिकारियों व स्कूली बच्चों के साथ गांधी पार्क से भगत सिंह चौक तक मशाल जुलूस निकाल कर जनता को वोटर लिस्ट में नाम दर्ज कराने के लिए जागरूक किया. उन्होंने अर्हता पूरी कर रहे सभी पात्र नागरिकों से मतदाता सूची में पंजीकृत होने तथा यह सुनहरा अवसर न गंवाने की अपील की.
जिलाधिकारी एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीमती रंजना राजगुरू ने कहा कि निर्वाचक नामावलियों के विशेष पुनरीक्षण कार्यक्रम के तहत 01 जनवरी 2022 की अर्हता की तिथि के आधार पर 30 नवम्बर तक सभी बूथों पर छूटे हुए नागरिकों का पंजीकरण किया जा रहा है, जिसमें अब पांच दिन शेष रह गये हैं.उन्होंने कहा कि जिन नागरिकों ने मतदाता सूची में अभी तक नाम दर्ज नहीं कराया है वे अपना नाम ऑनलाईन या ऑफ लाइन माध्यम से फार्म भरकर आवेदन कर सकते हैं व पंजीकृत मतदाता वोटर कार्ड में किसी भी तरह का संशोधन परिवर्तन के लिए भी फार्म भर सकते हैं.
सांसद श्री अनिल बलूनी जी चला रहे ‘अपना वोट- अपने गांव’ की मुहिम
सांसद श्री अनिल बलूनी जी उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में वोटर संख्या बढ़ाने के लिए लगातार पिछले सालों से प्रयास कर रहे हैं. सांसद श्री अनिल बलूनी जी ने एक बार फिल उत्तराखंड के मतदाताओं से अपील की है कि वे जहां भी रहें अपना नाम अपने गांव में ही पंजीकृत कराएं. ‘अपना वोट- अपने गांव’ की मुहिम के तहत सांसद श्री अनिल बलूनी जी इस संबंध में उत्तराखंड की अनेक विभूतियों और प्रख्यात जनों से संवाद करते रहे हैं और कई शहरों में रह रहे पर्वतीय बंधुओं ‘अपना वोट- अपने गांव’ अभियान से जुड़े हैं.
सांसद श्री अनिल बलूनी जी के अनुसार, हमारा वोट अपने गांव में होगा तो हम अपने गांव में मतदान करेंगे. गांव की संस्कृति, विरासत और परंपराओं से जुड़ेंगे. हम अपनी क्षमता से गांव के विकास के अभियान से स्वाभाविक रूप से संबद्ध होंगे. लोकपर्व, त्योहारों, मेलों और पारिवारिक आयोजनों में भागीदारी करेंगे.
सांसद श्री अनिल बलूनी ने अपील की कि निर्वाचन विभाग द्वारा वोटर लिस्ट में अपना नाम जोड़ने और हटाने हेतु आगामी 30 नवंबर तक की तिथि निर्धारित की है. सभी लोग अपने गांव की मतदाता सूची में अपना नाम जोड़ें. सांसद ने कहा कि यह सामूहिक प्रयास उत्तराखंड के स्वर्णिम भविष्य के लिए मील का पत्थर होगा.
टिहरी में आज और कल सघन अभियान
जिला अधिकारी टिहरी के निर्देशानुसार दिनांक आज शुक्रवार 26 नवंबर एवं 27 शनिवार को संबंधित विद्यालयों के अध्यापकों के माध्यम से संबंधित पोलिंग बूथ के बीएलओ के साथ सघन अभियान चलाते हुए घर घर भ्रमण किया जाएगा है. ऐसे व्यक्ति जिनकी आयु 1 जनवरी 2022 को 18 वर्ष पूर्ण हो रही हो, अथवा 18 वर्ष से अधिक हो, के प्रारूप 6 भरकर मतदाता सूची में नाम जोड़ा जाना है. जिला अधिकारी टिहरी के निर्देशानुसार कहा गया है कि संबंधित बीएलओ सुपरवाइजर कृपया अपने नजदीकी स्कूलों के अध्यापकों से संपर्क करते हुए 2 दिन घर घर जाकर पात्र व्यक्तियों से फार्म 6 प्राप्त करना सुनिश्चित करें तथा प्रत्येक अध्यापक के द्वारा इसकी भ्रमण रिपोर्ट भी दी जानी है. जिला अधिकारी टिहरी की इस पहल का क्षेत्र के स्थानीय लोगों ने स्वागत किया है.
जनपद टिहरी गढ़वाल में 2019 के त्रिस्तरीय चुनाव में काटे थे कई लोगों के नाम
बतादें कि जहां राज्य सरकार उत्तराखंड के मतदाताओं को उनके संवैधानिक अधिकार को दिलाने सघन अभियान चलाकर गांव गांव के लोगों के नाम जाड़ने का कार्य कर रही है, वहीं जनपद टिहरी गढ़वाल में 2019 के त्रिस्तरीय चुनाव में ग्राम पंचायत डारसिल के गांव में रहने वाले कई लोगों के नाम तत्कालीन स्थानीय बीएलओ, प्रधान, उपप्रधान की मिलीभगत से काट दिए गए थे. इस संबंध में तत्कालीन उपजिलाधिकारी घनसाली से लेकर निर्वाचन विभाग टिहरी तक शिकायत की गई, पटवारी ने बीएलओ के बयान भी दर्ज किए. लेकिन इसमें किसी पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई. या यूं कहें मामले में लीपापोती कर ठंडे बस्ते में डाल दिया गया.
कम आबादी के बावजूद ग्राम पंचायत डारसिल का गठन भी सवालों के घेरे
यही नहीं कम आबादी के बावजूद ग्राम पंचायत डारसिल के गठन भी सावालों के घेरे में है, जिस पर न जिला प्रशासन ने कभी गौर किया, नहीं पंचायती राज विभाग ने. पंगरियाणा से सिर्फ अनुसूचित जाति के लोगों को चुन चुन कर डारसिल में डाला गया है, जबकि डारसिल मेंं मूल रुप से रहने वाले महरगांव के सवर्ण परिवार काे महरगांव में डाला गया. 2014 में इस ग्राम सभा को गठित करने के लिए उत्तरकाशी, दिल्ली, मुंबई में सालों से रहने वाले लोगों की मतदाता सूची बनाई गई और पंगरियाणा के निकट वाले लोगों को सीधे डारसिल ले जाया गया.
खास बात यह है कि इस ग्राम सभा में 2019 के चुनाव में मात्र 230 लोग ही वोटरलिस्ट में दर्ज थे जबकि इसमें भी 80 के करीब लोग अन्य शहरों में निवास करने वाले लोग थे. अब उम्मीद की जा रही है कि जिला प्रशासन इस और भी ध्यान देगा और पंगरियाणा के पसेली नामी तोक से सिर्फ वोटर लिस्ट बढ़ाने के उदेश्य से डारसिल लाए गए परिवारों को उनके मूल ग्राम पंगरियाणा में जोड़ा जाएगा. साथ ही कम मतदाता वाली इस ग्राम पंचायत डारसिल का विलय निकट ग्राम पंचायत लैणी में किया जाएगा.