श्रीनगर. हेमवती नंदन गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर गढ़वाल (Hemwati Nandan Garhwal University Srinagar Garhwal) का 9वाँ दीक्षांत समारोह बुधवार 1 दिसंबर 2021 को संपन्न हुआ.
स्वामी मनमथन प्रेक्षागृह में आयोजित दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि संसदीय सत्र की व्यस्तता के कारण ऑनलाइन माध्यम से जुड़े, वहीं विशिष्ट अतिथि चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ, रक्षा-मंत्रालय, भारत सरकार जनरल बिपिन रावत (General Bipin Rawat) तय कार्यक्रमानुसार श्रीनगर पहुँचे. समारोह की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. योगेंद्र नारायण (Dr. Yogendra Narayan) ने ऑनलाइन माध्यम से की. इस अवसर पर प्रसिद्ध लोकगायक गढ़रत्न नरेन्द्र सिंह नेगी (garhratna narendra singh negi) जी को लोककला और संगीत में अतुलनीय योगदान के लिए डॉक्टर ऑफ लेटर्स (DLitt) की उपाधि प्रदान की गई.
नौवें दीक्षांत समारोह में 147 पीएचडी, 10 एमफिल तथा 3659 स्नातकोत्तर उपाधियां प्रदान की गई. इसके अलावा विभिन्न विषयों में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को 59 स्वर्ण पदक और दस हजार रुपये नकद पुरुस्कार दिया गया.
कुलपति प्रोफेसर अन्नपूर्णा नौटियाल ने किया अतिथियों का स्वागत
विशिष्ट अतिथियों के साथ दीप प्रज्वलन करते हुए विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर अन्नपूर्णा नौटियाल (Vice Chancellor Professor Annapurna Nautiyal) ने स्वागत संबोधन में दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि माननीय शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान, विशिष्ट अतिथि चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ, रक्षा-मंत्रालय जनरल बिपिन रावत, लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी, कुलाधिपति डॉ. योगेंद्र नारायण समेत सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों का स्वागत किया.
केन्द्रीय शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दी विजेताओं को बधाई
इस अवसर पर समारोह को संबोधित करते हुए केन्द्रीय शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सभी पदक विजेताओं को बधाई दी और खुशी व्यक्त की कि हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय राष्ट्र निर्माण में प्रभावी रूप से योगदान दे रहा है. उन्होंने नई शिक्षा नीति पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति भारतीय युवाओं के सपनों और आकांक्षाओं को पूरा करने का एक महत्वपूर्ण साधन बनने जा रही है.
विशिष्ट अतिथि के रूप में जनरल बिपिन रावत
समारोह में भारत सरकार के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल विपिन रावत भी मौजूद थे. समारोह को संबोधित करते हुए जनरल रावत ने छात्रों को बधाई दी और विश्वविद्यालय के प्रति आभार व्यक्त किया. जनरल रावत ने कहा, उनके लिए अपनी मातृभूमि में उपस्थित होना बहुत गर्व और सौभाग्य की बात है. विश्वविद्यालय में चेयर ऑफ एक्सिलेंस की स्थापना के संबंध में प्रोफेसर अन्नपूर्णा नौटियाल द्वारा किए गए अनुरोध के जवाब में, जनरल रावत ने कहा कि रक्षा मंत्रालय और भारतीय सेना के अधिकारी विश्वविद्यालय में चेयर स्थापित करने की संभावना को देखेंगे.
जनरल रावत ने इस बात पर भी प्रसन्नता व्यक्त की कि यह विश्वविद्याल पहले से ही कई उत्कृष्ट पाठ्यक्रम चला रहा है जो भारतीय सेना और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण उत्तराखंड राज्य की आवश्यकता को पूरा कर सकता है. उन्होंने दीक्षार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि युवाओं को नौकरी चाहने के बजाय रोजगार सृजन पर ध्यान देना चाहिए.
उतराखंड के प्रसिद्धि लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि गढ़वाल विश्वविद्यालय द्वारा उन्हें दिए जाने वाला ये सम्मान मातृभूमि उत्तराखंड और इसके साहित्यकारों, लोक गायकों, कलाकरों का सम्मान है, इस अवसर पर उन्होंने विश्वविद्यालय के माध्यम से लोकभाषा और लोकसंस्कृति को बढ़ावा देने की अपील की.
नई शिक्षा नीति (एनईपी) को किया जा रहा क्रियान्वित
दीक्षांत समारोह के अपने सम्बोधन में कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल ने कहा कि विष्वविद्यालय ने 1973 ई. स्थापना के बाद एक लंबा सफर तय करते हुए कई उपलब्धियां हासिल की. उन्होंने नई शिक्षा नीति और क्रेडिट ट्रांसफर सिस्टम के कार्यान्वयन के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि 42 सदस्यों की समिति द्वारा नई शिक्षा नीति (एनईपी) को क्रियान्वित किया जा रहा है.
विवि में 48 से अधिक शोध परियोजनाएं संचालित
कुलपति प्रोफेसर नौटियाल ने कहा कि वर्तमान में विश्वविद्यालय में 48 से अधिक शोध परियोजनाएं चल रही हैं, वहीं 2021 में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों और संस्थानों के साथ 05 एमओयू किए हैं. इसके अलावा संकाय सदस्यों ने शोध पत्रिकाओं में 361 शोध पत्र, पुस्तकों में 130 अध्याय, 27 पुस्तकें और 04 शोध पत्रिकाएं प्रकाशित की तथा संकाय सदस्यों और शोधकर्ता को 05 राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पेटेंट प्राप्त किए हैं. उन्होंने कहा कि विष्वविद्यालय सही दिशा में अग्रसर है और हमें आगे भी ज्ञानवर्धक और रचनात्मक वातावरण बनाकर विष्वविद्यालय से जागरूक और संवेदनषील नागरिक तैयार करने होगें.
समारोह की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. योगेंद्र नारायण ने मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि का स्वागत किया. अपने अध्यक्षीय भाषण देते हुए डॉ. नारायण ने सभी पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी इस अवसर पर उन्होंने छात्र-छात्राओं को कला और विज्ञान के साथ-साथ ज्ञान को आत्मसात करने की जरूरत है. राष्ट्रीय आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए कुलाधिपति ने कहा कि विश्वविद्यालयों को राष्ट्रीय हित में शहरी नियोजन, सार्वजनिक स्वास्थ्य, कूटनीति, अपशिष्ट प्रबंधन, आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में अपनी भूमिका तय करनी चाहिए.
कुलसचिव डॉ. अजय कुमार खंडूरी ने किया धन्यवाद ज्ञापित
अंत में विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. अजय कुमार खंडूरी द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया. वहीं दीक्षांत समारोह के समन्वयक प्रो. वाई.पी. रैवानी ने दीक्षांत समारोह के सभी सदस्यों का कार्यक्रम के सफलता पूर्वक आयोजन के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया. समारोह का संचालन डॉ. श्वेता वर्मा और डॉ. हिमशिखा गुसांईं ने किया. इस अवसर पर दीक्षांत समारोह के संयोजक प्रोफेसर वाई.पी. रैवानी, प्रोफेसर डी.के. नौरियाल, पूर्व कुलपति, डॉ. के.सी. शर्मा, ई.सी. सदस्य, प्रोफेसर देवी प्रसाद त्रिपाठी, कुलपति उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय, पद्मश्री ए.एन. पुरोहित पूर्व कुलपति, पद्मश्री कल्याण सिंह रावत और महिपाल सिंह सचिव एलुमीनि एसोषिएषन समेत विभिन्न संकायक्ष्यक्ष एवं विभागाध्यक्ष आदि मौजूद रहे.