देहरादून. पिथौरागढ़ के पत्रकार किशोर ह्यूमन की गिरफ्तारी का विरोध राज्य में तेज होता जा रहा है. सामाजिक अत्याचारों को रोकने में विफल प्रशासन के खिलाफ बोलने लिखने वाले पत्रकारों की आवाज को दबाने उनका ही उत्पीड़न किए जाने से उत्तराखंड के सामाजिक संगठनों और निष्पक्ष पत्रकारिता के प्रति अपना नैतिक दायित्न निभाने वाले राज्य के पत्रकारों में आक्रोश है.
सोशल मीडिया पर लगातार सरकार से किशोर की रिहाई की मांग करने के बावजूद इस घटना पर संज्ञान नहीं लेने के विरोध में देहरादून के आंदोलनकारी और पत्रकारों ने गांधी पार्क के गेट पर एकत्र हो कर प्रदर्शन किया. पत्रकार किशोर ह्यूमन की शीघ्र रिहाई की मांग को लेकर आंदोलनकारी और पत्रकारों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और जन गीत गाये. प्रदर्शनकारियों ने पिथौरागढ़ के पुलिस अधीक्षक के खिलाफ कार्यवाही की मांग वाला ज्ञापन भी मुख्यमंत्री को भेजा.
पत्र में लिखा गया है कि यह बड़े क्षोभ का विषय है कि पिथौरागढ़ के युवा पत्रकार किशोर ह्यूमन को पुलिस द्वारा दो जातियों के बीच सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने जैसे हवाई आरोप लगा कर गिरफ्तार कर लिया गया है. उनके पोर्टल पर प्रसारित जिन दो विडियोज को पिथौरागढ़ की पुलिस ने किशोर पर मुकदमें और गिरफ्तारी का आधार बनाया है, उनमें वर्णित बातें, उन दोनों ही मामलों से जुड़े तथ्य थे, जिन पर किशोर चर्चा कर रहे थे.
पत्र में लिखा गया है कि किशोर के विरुद्ध कार्यवाही, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के उनके नागरिक आधिकार का अतिक्रमण है. इसलिए मांग की गई है कि किशोर ह्यूमन के विरुद्ध दर्ज मुकदमा तत्काल रद्द किया जाये और उन्हें अविलंब बिना शर्त रिहा किया जाये. साथ ही किशोर के विरुद्ध मनगढ़ंत आरोप लगा कर उन्हें गिरफ्तार करने वाले पिथौरागढ़ के पुलिस अधीक्षक व अन्य पुलिस कर्मियों को झूठा मुकदमा दर्ज करने के लिए तत्काल निलंबित किया जाये तथा उनके विरुद्ध ऐसा करने के लिए मुकदमा दर्ज किया जाये.
मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में राज्य के कई वरिष्ठ पत्रकारों और समाजसेवियों ने किशोर की रिहाई की मांग की है. जिनमें कांता प्रसाद (सेवानिवृत्त जिला जज), वरिष्ठ पत्रकार राजीवनयन बहुगुणा, वरिष्ठ पत्रकार पवन लालचंद, वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी जयदीप सकलानी, वरिष्ठ पत्रकार त्रिलोचन भट्ट, वरिष्ठ पत्रकार व गढ़वाल सचिव, भाकपा (माले) इन्द्रेश मैखुरी, राज्य अध्यक्ष, एसएफ़आई नितिन मलेठा, वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी सुरेश नेगी, भारत ज्ञान विज्ञान समिति के विजय भट्ट, इन्द्रेश नौटियाल, चेतना आंदोलन के शंकर गोपाल कृषणन, विनोद बडोनी, संजीव घिल्डियाल सहित सामाजिक कार्यकर्ता देवेंद्र रावल, सचिन पुरोहित, सुमन नेगी, योगेश नेगी, अक्षत सेठ, सोनाली नेगी, गंगा साह आशुकवि, शैलेंद्र परमार, आजम, कपिल कुमार, विजय शंकर शुक्ला, वर्गीश बमोला, राहुल मेहता, भीम आर्मी के गौरव राजौरिया के अलावा भीम आर्मी के कुछ अन्य लोग प्रमुख हैं और प्रदर्शन में भी शामिल हुए.