देहरादून. UKSSSC परीक्षा प्रश्न पत्र लीक मामले में उत्तराखंड पुलिस की एसटीएफ ने (UttarakhandPolice STF) ने धामपुर निवासी जूनियर इंजीनियर ललित राज शर्मा को पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया है.
परीक्षा प्रश्न पत्र लीक मामले में ललित राज शर्मा सहित अब तक 20 अभियुक्तों की गिरफ्तारी हो चुकी है. पुलिस हाकम सिंह के साथ उत्तर प्रदेश के नकल माफिया के बीच की महत्वपूर्ण कड़ी को खंगालने में जुटी है. ललित राज शर्मा वही शख्स है, जिसके धामपुर स्थित फ्लैट पर दो दर्जन से ज्यादा छात्रों के परीक्षा से पहले रात में पेपर के प्रश्न को हल करने की बात सामने आई है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, ललित सहारनपुर में जल संस्थान का जेई है. उसकी पत्नी देहरादून में एक निगम में एई के पद पर तैनात है. सूत्रों के मुताबिक, वह कई और परीक्षाओं में भी हाकम के संपर्क में रहा है.
इससे पहले, UKSSSC परीक्षा प्रश्न पत्र लीक मामले (UKSSSC Exam Question Paper Leak Cases) में उत्तराखंड पुलिस की एसटीएफ ने गुरुवार को बड़कोट, उत्तरकाशी निवासी अंकित रमोला की 19वीं गिरफ्तारी की थी. परीक्षा प्रश्न पत्र लीक मामले में आज ललित राज शर्मा की गिरफ्तारी के बाद अभी तक 20 अभियुक्त दबोचे जा सके हैं और पुलिस की एसटीएफ इन लोगों से पूछताछ कर मामले से जुड़े अन्य तारों को खंगाल रही है.
बता दें कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (Uttarakhand Subordinate Service Selection Commission) की भर्ती परीक्षा में प्रश्न पत्र लीक मामले में उत्तरकाशी के जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह की गिरफ्तारी पहले ही हो चुकी है और हाकम सिंह की गिरफ्तारी के बाद विपक्षी दल कांग्रेस व राज्यहित के लिए संघर्षरत रहे लोग लगातार इस बात की मांग कर रहे हैं कि हाकम सिंह की बड़ी राजनीतिक पहुंच के चलते इस में कई अन्य बड़े लोग शामिल हो सकते हैं, इसलिए इस मामले की जांच सीबीआई को दी जानी चाहिए.
हाकम सिंह (Hakam Singh) की उत्तराखंड की बड़े नेता व अधिकारियों के संग वायरल हुई तस्वीरों के बाद हालांकि उत्तराखंड पुलिस के महानिदेशक अशोक कुमार ने एक संदेश जारी कर लोगों को भरोसा दिलाया है कि पुलिस के लिए अपराधी केवल अपराधी है. उसकी भाषा, जाति, धर्म या क्षेत्र से अपराधी का अपराध कम नहीं हो जाता. न ही किसी के साथ फोटों खिंचवाने से कोई अपराधी पुलिस से बच सकता है. डीजीपी ने कहा, कानून हमेशा सर्वोपरि रहा और हमेशा रहेगा. किसी राजनेता या अधिकारी के साथ फोटो खिंचवाने से कोई अपराधी कानून से नहीं बच सकता. अब देखना होगा उत्तराखंड पुलिस इस मामले की जांच में अपनी विश्वनीयता के अनुरूप राज्य की जनता व बेरोजगार युवाओं को कितना सन्तुष्ट कर पाती है.