माणा. प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Shri Narendra Modi) ने शुक्रवार को उत्तराखण्ड के माणा गांव में आयोजित कार्यक्रम में ₹3400 करोड़ से अधिक की विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास किया.
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज के दिन बाबा केदार और भगवान बदरी विशाल के दर्शन और आर्शीवाद प्राप्त करके उनका जीवन धन्य हो गया है तथा यह पल उनके लिए चिरंजीवी हो गए हैं. प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने माणा गांव के स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा आयोजित स्थानीय उत्पादों की प्रदर्शनी की प्रशंसा करते हुए कहा कि माताओं व बहनों ने बहुत अच्छा काम किया है.
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने वोकल फॉर लोकल (VocalForLocal) का जिक्र करते हुए देशवासियों से आग्रह किया कि जहां भी जाएं एक संकल्प करें कि यात्रा पर जितना भी खर्च करते हैं उसका कम से कम 5 प्रतिशत वहां के स्थानीय उत्पाद खरीदने पर खर्च करेंगे. प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि कोरोना काल में वैक्सीन पहाड़ों तक पहुंचाई गई. इसमें उत्तराखण्ड और हिमाचल में बेहतर काम किया गया. गरीब कल्याण योजना से उत्तराखण्ड के लाखों लोगों को लाभ मिला.
डबल इंजन सरकार ने होम स्टे और स्किल डेवलपमेंट से युवाओं को जोड़ा है. मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में आज अभूतपूर्व रूप से भारत का सांस्कृतिक उत्थान हो रहा है. सनातन संस्कृति का परचम विश्व में लहरा रहा है और हमारे आस्था के केन्द्रों का इतिहास गौरव के साथ प्रदर्शित किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि माणा जैसे सीमांत गांव मेरे लिए भी पहला गांव ही होगा. इस दौरान प्रधानमंत्री ने अपने संगठन के दिनों को याद करते हुए कहा कि तब मैंने माणा में भाजपा की कार्यसमिति की बैठक ली थी.
प्रधानमंत्री के संबोधन की मुख्य बातें :
- आज जिन दो रोप वे का शिलान्यास किया है उससे यहां आवागमन तो सरल होगा ही, इससे समय भी बचेगा और भक्ति में ज्यादा मन लगेगा.
- इस योजना से देशभर के लोगों का आशीर्वाद मिल गया है.
- प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड के उत्पादों की सराहना करते हुए कहा कि हम रोपवे के अलावा उत्तराखंड में ड्रोन से भी सामानों को यहां वहां ले जाने की योजना पर काम कर रहे हैं.
- यहां काम करने वाले श्रमिकों को केवल मजदूर न समझें, बल्कि इतने कठिन स्थल पर वे परमात्मा की सेवा कर रहे हैं. इसलिए इन्हें जितना स्नेह देंगे उतना शक्ति से काम करेंगे.
- प्रधानमंत्री ने देशवासियों से आहवान किया कि आप जो भी यात्रा में खर्चा करते हैं, उसका 5 प्रतिशत उत्तराखंड के उत्पादों को जरूर खरीदें.
- जिन गांवों को पुरानी सरकारों ने अंतिम मान लिया था, हमारी सरकार समृद्धि का पहला गांव मानकर कार्य कर रही है. माणा जैसे सीमांत गांव (Mana Village) मेरे लिए भी पहला गांव ही होगा.
- पहाड़ों में युवाओं को स्वरोजगार बढ़ाए जा रहे हैं.
- भारत माला सागर माला के साथ अब पहाड़ों के विकास के लिए पर्वत माला योजना भी शुरू होगी.
- उत्तराखंड में कनेक्टिविटी बढ़ाने के आलवेदर जैसे कार्य किए गए.
- डिजिटल कनेक्टिविटी की भी सराहना की.
- जो लोग गांव छोड़ कर चले गए हैं हम फिर ऐसे गांव बनाएंगे कि लोग गांव वापस आएं.
- माणा पास सड़क बन जाने से जो लोग बद्रीनाथ आएंगे, बिना माणा आए नहीं लौटेंगे.
- उत्तराखंड को विश्वास दिलाता हूं राज्य के विकास में कोई कमी नहीं होगी.
- प्रधानमंत्री ने दीपावली की शुभकामना देते हुए भारत माता की जय और बद्री विशाल की जय और जय बाबा केदार के उद्घोष के साथ अपने संबोधन को विराम दिया.
इस अवसर पर राज्यपाल ले.ज. श्री गुरमीत सिंह (से.नि.), कैबिनेट मंत्री डा. धन सिंह रावत, सौरभ बहुगुणा, पूर्व मुख्यमंत्री व क्षेत्रीय सांसद श्री तीरथ सिंह रावत, उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष श्री महेन्द्र भट्ट सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे.
शिलान्यास की गई परियोजनाओं का विवरण
3400 करोड़ रुपये से अधिक की रोपवे और सड़क चैड़ीकरण परियोजनाओं का प्रधानमंत्री द्वारा शिलान्यास किया गया. जिनमें गौरीकुंड केदारनाथ और गोविंदघाट हेमकुंड साहिब दो नई रोपवे परियोजनाओं भी शामिल थी.
केदारनाथ रोपवे लगभग 9.7 किलोमीटर लंबा होगा. यह गौरीकुंड को केदारनाथ से जोड़ेगा, जिससे दोनों स्थानों के बीच यात्रा का समय वर्तमान में 67 घंटे से कम होकर लगभग 30 मिनट का रह जाएगा.
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हेमकुंड रोपवे गोविंदघाट को हेमकुंड साहिब से जोड़ेगा. यह लगभग 12.4 किलोमीटर लंबा होगा और यात्रा समय को एक दिन से कम करके केवल 45 मिनट तक सीमित कर देगा. यह रोपवे घांघरिया को भी जोड़ेगा, जो फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान का प्रवेश द्वार है. इन दोनों रोपवे को लगभग 2430 करोड़ रुपये की संचयी लागत से विकसित किया जाएगा. यह परिवहन का एक पर्यावरण अनुकूल साधन होगा, जो आवागमन को सुरक्षा और स्थिरता प्रदान करेगा. इस अहम बुनियादी ढांचे का विकास धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगा, जिससे क्षेत्र में आर्थिक विकास को रफ्तार मिलेगी और साथ ही साथ रोजगार के कई अवसर पैदा होंगे.
कार्यक्रम के दौरान करीब 1000 करोड़ रुपये की सड़क चैड़ीकरण परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया गया. दो सड़क चैड़ीकरण परियोजनाएं माणा से माणा पास (एनएच 07) और जोशीमठ से मलारी (एनएच107बी) तक सीमावर्ती क्षेत्रों में हर मौसम में सड़क संपर्क प्रदान करने की दिशा में एक और कदम साबित होंगी. कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के अलावा, ये परियोजनाएं रणनीतिक दृष्टि से भी फायदेमंद साबित होंगी.