दिल्ली. दिसम्बर माह में आयोजित होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट (globalinvesterssummit) को लेकर गुरुवार को नई दिल्ली स्थित होटल ताजमहल में कर्टेन रेजर कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। इस अवसर पर ITC ने ₹5000 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव उत्तराखण्ड सरकार को दिया।
महिन्द्रा हॉलीडेज एण्ड रिसोर्ट इण्डिया लिमिटेड के साथ ₹1000 करोड़ और ई कुबेर (eKuber) के साथ ₹1600 करोड़ के निवेश का MoU किया गया। महिन्द्रा हॉलीडेज एण्ड रिसोर्ट इण्डिया लिमिटेड उत्तराखण्ड में अगले तीन महीने में ₹1000 करोड़ के निवेश के साथ विभिन्न स्थानों पर 4/5 रिजोर्ट स्थापित करने जा रहा है। इससे 1500 लोगों के लिए रोजगार के अवसर खुलेंगे। पूरे देश में यह महिन्द्रा हॉलीडेज एण्ड रिसोर्ट इण्डिया लिमिटेड का किसी भी राज्य में सबसे बड़ा निवेश है।
उद्योगों के लिए अपार संभावनाएं
मुख्यमंत्री ने डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड-ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट-2023 के बारे में बताया कि उत्तराखण्ड एक युवा राज्य के रूप में तेजी से उभर रहा है, जहां उद्योगों के लिए अपार संभावनाएं हैं। राज्य में ईज आफ डूइंग बिजनेस के साथ-साथ पीस आफ डूइंग बिजनेस भी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में विभिन्न क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन नीति-2023, एमएसएमई नीति-2023, स्टार्टअप नीति-2023, लॉजिस्टिक्स नीति-2023, निजी औद्योगिक आस्थानों की स्थापना हेतु नीति-2023 लागू की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की आर्थिकी को सुदृढ़ करने के लिए सशक्त उत्तराखण्ड मिशन लॉन्च किया गया है, जिसके तहत अगले 5 वर्षों में राज्य की एसजीडीपी को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है। इसी कड़ी में इनवेस्टर्स समिट-2023 का आयोजन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के उद्यमी ही हमारे ब्राण्ड एम्बेसडर हैं और राज्य में निवेश बढ़ाने में उनकी सबसे अधिक सहभागिता है। हमारी सरकार सरलीकरण, समाधान, निस्तारण और संतुष्टि के आधार पर कार्य कर रही है।
निर्यात को बढ़ावा देने के लिए भी नीति निर्धारित
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पर्यटकों एवं श्रद्वालुओं की सुविधा हेतु सभी स्थलों पर नवाचार के माध्यम से सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। निर्यात को बढ़ावा देने के लिए भी नीति निर्धारित की गई है। उन्होंने कहा कि देवभूमि में कर्म करना हम सबका सौभाग्य है। राज्य का वातावरण पूर्णतः उद्यमियों के अनुकूल है। उत्तराखण्ड का 71 प्रतिशत भू-भाग वनों से आच्छादित हैं। हेल्थ वेलनेस के साथ ऊर्जा का भी यह स्रोत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड ने राज्य में उत्पादित/निर्मित 09 उत्पादों ने जीआई टैग हासिल किये हैं। इन जीआई टैगों में कुमाऊँ ब्यूरो ऑयल, मुनस्यारी राजमा भोटिया दन, एपण रिंगाल, ताम्र उत्पाद, धुलमा, तेजपत्ता तथा बासमती चावल शामिल हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा नेटल (बिच्छू घास), पिछौड़ा, आर्टिस्टिक कैण्डल मुखौटा एवं मन्दिर प्रतिकृत आदि कुछ अन्य उत्पादों में जीआई टैग के लिए आवेदन किया गया है।उन्होंने कहा कि उद्योग संवर्द्धन और आन्तरिक व्यापार विभाग की ‘ईज आफ डूईंग बिजनेस’ रैंकिंग में वर्ष 2022 की रैंकिंग में उत्तराखण्ड राज्य एचीवर्स श्रेणी में (8वें स्थान पर) शामिल है।
जबकि नीति आयोग द्वारा जारी वर्ष 2022 के निर्यात तैयारी सूचकांक में उत्तराखण्ड राज्य हिमालयी राज्यों में प्रथम स्थान पर, जबकि देश में 9वें स्थान पर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योग संवर्द्धन और आन्तरिक व्यापार विभाग की LEADS की वर्ष 2022 की रैंकिंग में उत्तराखण्ड राज्य एचीवर्स श्रेणी में शामिल है।
इसी प्रकार स्टार्टअप रैंकिंग में ‘लीडर’ श्रेणी में शामिल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में निवेश प्रोत्साहन एवं संवर्द्धन हेतु उद्योग निदेशालय स्तर पर एक समर्पित इन्वेस्टर फैसिलिटेशन सेल की स्थापना की है, जो निवेशकों / व्यवसायियों के लिये ‘वन स्टॉप शॉप’ के रूप में डेडीकेटेड हैण्डहोल्डिंग सपोर्ट उपलबध करा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ₹5 करोड़ से अधिक के पूंजी निवेश करने वाले उद्यमियों के लिए एक डेडीकेटेड रिलेशनशिप मैनेजर की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। अपेक्षित अनुमोदन/अनुज्ञा/स्वीकृति हेतु राज्य में ऑनलाइन सिंगल विण्डो क्लीयरेंस पोर्टल www.investuttarakhand.uk.gov.in की स्थापना की गई है। इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी सहित अन्य अधिकारीगण भी उपस्थित रहे।