प्रतापगढ़. अंतू रेलवे स्टेशन से 6 किमी दूर जलालपुर ग्राम सभा के बीच चमरौधा नदी तट पर स्थित पौराणिक कलीजर नाथ बाबा के मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए बड़ी संख्या में दानवीर सामने आ रहे हैं। अंतू क्षेत्र में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में मंदिर के जीर्णोद्धार की जहां चर्चा जोर शोर से चल रही है, वहीं दान सूची में नाम अंकित कराने की दानवीरों की होड़ लगी है। अंतू में एड. कमलेश पांडेय के यहां आयोजित श्रीमद भागवत कथा के दौरान प्रसिद्ध प्रवचनकार अतुल महाराज द्वारा उक्त मंदिर के जीर्णोद्धार की घोषणा के बाद से शुरू हुआ दान देने का सिलसिला अनवरत जारी है।
ऐतिहासिक साक्ष्य मंदिर में मौजूद
कलीजर भोले बाबा का मंदिर अति प्राचीन मंदिर है। जिसका पौराणिक और ऐतिहासिक साक्ष्य वहां आज भी देखने को मिलता है। स्थानीय स्तर पर जीर्णोद्धार के लिए कई बार प्रयास किया गया लेकिन सफल नहीं रहा।
कथा व्यास पीठ से पंडित अतुल महाराज ने इस पुनीत कार्य के लिए सीमेंट और रोहिणी तिवारी ने सरिया देने का संकल्प लिया। इन्हीं के साथ पूर्व विधायक बृजेश सौरभ मिश्र, एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह, सदर विधायक राजेंद्र मौर्य ने आर्थिक मदद का आश्वासन दिया।
इन दानवीरों ने बढ़ाया हाथ
इसी तरह से कुल गुरु शिवेश्वर पति त्रिपाठी, रविन्द्र नाथ द्विवेदी, ट्रांसपोर्टर संतोष मिश्रा, शिक्षक प्रमोद कुमार मिश्रा, पूर्व चेयरमैन योगेश प्रताप सिंह, एड राम यज्ञ सिंह, एड कमलेश पांडेय, शिक्षक श्याम सुन्दर पांडेय, शिक्षक चंद्रेश पांडेय, पत्रकार पुनीत द्विवेदी अविनाश वर्णवाल मेडिकल स्टोर, वीरेंद्र अग्रवाल, लाल जी अगरहरी, समाजसेवी रमेश पांडेय, महेश चंद्र अग्रवाल, सीता मिश्र पत्नी सुरेश मिश्र, लालता प्रसाद पांडेय, लल्लन पांडेय, राधा कांत पांडेय, मोनू तिवारी, एड चंद्रेश पांडेय, प्रधान स्वामी सिंह आदि ने भी आर्थिक मदद की घोषणा की है।
उल्लेखनीय है कि इस मौके पर विधायक अक्षय प्रताप सिंह ने कहा कि सबसे पहले मंदिर की जमीन की पैमाइस करा कर सुरक्षा दीवार बनाई जाए। इससे पर्यटन विभाग से इसके विकास के लिए निधि मंजूर कराने में आसानी होगी।
शिवरात्रि को मंदिर पर लगेगा मेला
हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी कलीजर नाथ बाबा के धाम पर शिवरात्रि पर मेले का आयोजन किया गया है। इस मौके पर विभिन्न मंडलियों द्वारा फाग प्रस्तुत किया जाएगा। इस समय मंदिर निर्माण में श्रद्धालु अपने सामर्थ्य के अनुसार दान करने के लिए घोषणा कर सकते हैं। इसके लिए मेले में दान स्टाल लगाया जाएगा। इन दानवीरों का नाम दान सूची में अंकित हो जाएगा।