मुंबई. ख्वाहिशों से नहीं गिरते फूल झोली में, कर्म की शाखा को हिलाना पड़ता है, कुछ नहीं होता कोसने से अंधेरे को, अपने हिस्से का दिया खुद जलाना पड़ता है,’ इस पंक्ति को सच कर दिखाया है, मिस ग्रैंड इंटरनेशनल’ के लिए देश का प्रतिनिधित्व कर चुकी अनुकृति गुसाईं ने.
मुंबई में चल रहे कौथिग महोत्सव में अनुकृति गुसाईं ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की. कौथिग फाउंडेशन ने मुख्य अतिथि के रूप में कौथिग में पहुंची अनुकृति गुसाईं का भव्य स्वागत कर सम्मानित किया.
महिला उत्थान के लिए काम कर रही हैं अनुकृति गुसाईं
महिला उत्थान एवं बाल कल्याण संस्थान की अध्यक्षा अनुकृति गुसाईं महिलाओं के लिए निस्वार्थ रूप से काम करती आ रही हैं. अनुकृति गुसाईं मुंबई कौथिक में भी महिलाओं को एक प्लेटफार्म प्रदान कर रही हैं. कौथिक मुंबई में महिला उत्थान एवं बाल कल्याण संस्थान की महिलाओं द्वारा बनाए गए उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई है. महिला उत्थान एवं बाल कल्याण संस्थान पिछले 1 साल से पूरे उत्तराखंड में महिलाओं को प्रशिक्षण देकर सशक्त बना रहा है, जिसमें 12000 महिलाएं रोजगार से जुड़ चुकी हैं.
उत्तराखंड की महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में हो रहा काम
महिला उत्थान एवं बाल कल्याण के अलग-अलग सेंटर में कई महिलाओं ने केवल 2 महीनों में सिलाई, ब्यूटीशन, हैंडीक्राफ्ट वा फूड प्रोसेसिंग में महारत हासिल कर अपने आपको कामयाब बनाया है. महिला उत्थान एवं बाल कल्याण समाज में महिलाओं की उन्नति के लिए निस्वार्थ रूप से कार्य करती आई है और साथ ही साथ भविष्य में उत्तराखंड की महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में काम रही है. महिलाओं की उन्नति के लिए महिला उत्थान एवं बाल कल्याण लगातार कुछ ना कुछ अनोखे कार्यक्रम चलाता आया है जो स्वास्थ्य, शिक्षा व ग्रामीण विकास आदि के क्षेत्र में भी अपनी एक अलग भूमिका निभाते हैं.
हर महिला को उसके हक का रोजगार दिलाना ध्येय
संस्था के प्रयास हैं कि महिलाओं को आर्थिक व सामाजिक दोनों रूप से सशक्त बनाया जाए और उन्हें राष्ट्र के विकास में बराबर की भागीदारी प्राप्त हो. महिला एवं बाल कल्याण संस्था का खुद से यह संकल्प है कि हर महिला को उसके हक का उसकी मेहनत का रोजगार मिले और यह संकल्प महिलाओं के बिना अधूरा है.
किसी भी देश के शिखर पर पहुंचने के लिए वहां की महिलाओं का कंधे से कन्धा मिला कर चलना जरूरी है. महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए महिला उत्थान एवं बाल कल्याण संस्थान यह प्रयास निरंतर कर रही है. देहरादून, हरिद्वार, कोटद्वार, हल्द्वानी, सम खाल, सतपुली में चल रहे अलग-अलग सेंटर्स में महिलाएं 2 महीने की ट्रेनिंग लेती हैं.
महिलाओं को प्रशिक्षण के साथ-साथ बाजार उपलब्ध कराने की भी जिम्मेदारी
अनुकृति ने बताया कि महिलाओं को प्रशिक्षण देने के के साथ साथ उनको बाजार उपलब्ध कराना भी उन्हीं की जिम्मेदारी है, ताकि उनकी आय होती रहे क्योंकि महिलाओं को प्रशिक्षण देने के बाद उन्हें बाजार उपलब्ध नहीं कराया गया तो उनके प्रशिक्षण लेने का कोई फायदा नहीं है. अनुकृति कहती हैं कि प्रशिक्षण लेने के 1 साल बाद तक हमारी संस्था, महिलाओं के संपर्क में रहती है और उनके बनाए उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराते हैं.
- अनुकृति ने बताया कि महिलाओं द्वारा बनाए गए उत्पादों की बिक्री के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल भी बनाया जा रहा है, साथ ही साथ महिलाओं द्वारा बनाए गए प्रोडक्ट्स को अलग-अलग जगह प्रदर्शनी लगाकर भी लोगों तक पहुंचाने का काम महिला उत्थान एवं बाल कल्याण संस्थान करती आई हैं.
- मुंबई कौथिक महिला उत्थान एवं बाल कल्याण संस्थान की महिलाओं के लिए एक नया और अनोखा प्लेटफार्म है जहां वह अपने हुनर को लोगों तक पहुंचा स्वरोजगार पा सकती हैं.
- मुंबई कौथिक में लगने वाली प्रदर्शनी में महिला उत्थान एवं बाल कल्याण संस्थान की महिलाओं द्वारा आचार, मसाले, भीमल की चप्पल, लेडीस बैग, डोर मेट, हैंड मेड कैंडल्स, डिजाइनिंग कैंडल्स, हस्तशिल्प, महिलाओं द्वारा कढ़ाई की गई बेडशीट, आदि की प्रदर्शनी लगाई जा रही है.