नवीमुंबई. मुंबई में चल रहे कौथिग महाकुंभ में उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने मुख्य अतिथि के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने अपने संबोधन में कौथिग के आयोजन के लिए बधाई दी. उनियाल ने कहा कि प्रवासियों के महानगरों में भले छोटे छोटे कितने भी संगठन हों किंतु सभी संगठनों का एक अम्ब्रेला संगठन जरूर हो, जो कौथिग फाउंडेशन जैसा प्रवासियों की ताकत का महानगरों में अहसास करा सके. कैबिनेट मंत्री ने कहा कि देश में जब उत्तराखंडियों की ताकत बढ़ेगी, उसी ताकत से उत्तराखंड मजबूत होगा.
पलायन राज्य की मूल अवधारणा के लिए चिंताजनक
अपने संबोधन में कैबिनेट मंत्री उनियाल ने उत्तराखंड के गांवों से हो रहे पलायन के बारे में प्रवासियों को बताया कि जिस गति से राज्य के ग्रामीण भागों से पलायन हो रहा है वह आने वाले समय में उत्तराखंड की मूल अवधारणा के लिए चिंताजनक है. उन्होंने कहा कि आगामी परिसीमन में राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों से 6 विधानसभा सीटें कम होने का खतरा मंडरा रहा है. इसलिए उत्तराखंड का प्रवासी जहां भी हो किंतु जनगणना में अपने गांव में ही नाम दर्ज कराएं.
आर्थिकी सुधारने का प्रयास कर रही सरकार
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि सरकार गांवों में किसानों के लिए तमाम योजनाओं व स्वरोजगार के जरिए आर्थिकी को सुधारने का प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि राज्य में 7 लाख 92 हजार परिवारों की आय कृषि पर आधारित है. उनियाल ने प्रवासियों से अपील की कि आप गांवों में अपनी भूमि को बंजर न छोड़ें. उनियाल ने कहा कि बंजर भूमि को उपजाऊ बनाने व आर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लगातार प्रयास कर रही है. खेती में किसानों के मूल हकों की रक्षा के लिए सरकार ने लीज फार्मंग कानून बना दिया है और अब किसी भी बंजर भूमि को आप 30 साल के लिए लीज पर दे सकते हैं. उनियाल ने कहा कि पहले लोग भूमि को किसी और को कब्जा करने के डर से चलाने नहीं देते थे किंतु अब सरकार ने लोगों का यह डर खत्म कर दिया है.
आर्गेनिक उत्पादों का महत्व भी बताया
उनियाल ने आर्गेनिक उत्पादों के महत्व को समझाते हुए कहा कि जो कोदा, झंगोरा जैसे अनाज पहले गरीबों का खाना हुआ करते थे वे आज सबसे महंगे उत्पाद बन गए हैं, इसलिए हमें पारंपरिक खेती को फिर से बढ़ावा देना होगा. उनियाल ने राज्य के कई ऐसे लोगों का उदहारण भी दिया जो जर्मन की लाखों की नौकरी छोड़कर वापस उत्तराखंड लौटे और मटर, टमाटर, मशरुम की खेती से करोड़ों की आय के साथ कई लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं. कौथिग में उत्तराखंड आर्गेनिक कमोडिटी बोर्ड के मैनेजिंग डायरेक्टर विनय कुमार भी शामिल हुए.