टिहरी. सियाचिन में तैनात टिहरी जिले के साबली गांव निवासी जवान की मौत की खबर मिलते ही क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है. पूर्व विधायक दिनेश धनै ने अपनी फेसबुक वाल पर रमेश बहुगुणा के असमय चले जाने पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए इसे असहनीय और दुखद बताया है.
चंबा ब्लाक के साबली गांव निवासी हवलदार रमेश बहुगुणा (38) पुत्र स्व. टीकाराम बहुगुणा फरवरी 2002 में महार रेजीमेंट में भर्ती हुए थे. अगस्त 2019 में उनकी तैनाती सियाचिन में हुई थी. 31 जनवरी को जवान की तबियत बिगड़ने पर उन्हें उपचार के लिए एक फरवरी को चंडीगढ़ सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया था. तीन दिन अस्पताल में उपचार के दौरान उन्होंने सोमवार रात को अंतिम सांस ली. जवान की मौत की खबर मिलते ही उनके घर व गांव में शोक की लहर दौड़ गई है.
तीन भाइयों में सबसे छोटे हवलदार रमेश बहुगुणा अपने पीछे दो छोटे बच्चे, पत्नी और मां को छोड़ गए. उनके भाई दिनेश बहुगुणा ने बताया कि रमेश के बीमार होने की सूचना पर वे चंडीगढ़ गए थे, जहां चिकित्सकों ने रमेश की मौत का कारण अत्यधिक ठंड व ऑक्सीजन की कमी होना बताया है.
हालांकि इस संबंध में सेना के हवाले से आधिकारिक बयान के बाद ही मौत के कारणों की पुष्टी हो सकेगी. जवान के भाई दिनेश ने बताया कि रमेश के पार्थिव शरीर को गांव लाया जा रहा है. बुधवार (आज) को ऋषिकेश घाट पर हवलदार रमेश बहुगुणा का सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा. माइनस 40 डिग्री तापमान वाले सियाचिन बार्डर पर देश की सुरक्षा में तैनात जवान बेटे की शहादत के बाद मां और पत्नी सदमे में हैं.
हवलदार रमेश ने मार्च में बच्चों के एडमिशन के लिए घर आने का वादा किया था. दोनों छोटे बच्चे पापा के घर लौटने के इंतजार में हैं. बेटे की शहादत की खबर सुनते ही जहां मां सरस्वती देवी सदमे में है, वहीं पत्नी लक्ष्मी बदहवास स्थिति में अपने बेटा अभिनव व बेटी वैष्णवी के साथ नई टिहरी से अपने घर साबली पहुंच गई.
रमेश का बेटा पहली व बेटी एलकेजी में पढ़ती है. पिछली बार नवंबर 2019 में जब हवलदार रमेश ड्यूटी पर गए थे, तब उन्होंने बच्चों से नई कक्षा में एडमीशन दिलाने के लिए मार्च में घर आने का वादा किया था. रमेश के निधन की खबर गांव में फैलते ही मातम पसर गया है. बड़े भाई दिनेश बहुगुणा और महेश बहुगुणा घटना से जहां काफी दुखी और आहत हैं, वहीं उन्हें अपने भाई की देश सेवा पर गर्व भी है.