उत्तरकाशी. उत्तराखंड के लोक पर्व फूलदेई की शुरुआत आज उत्तराखंड में बच्चों द्वारा घर मंदिरों की देहरी में फूलों को सजा कर हुई. चैत्र महीने के पहले दिन से उत्तराखंड में मनाया जाने वाला फूलदेई पर्व पौराणिक संस्कृति की प्रतीक है. आज काशी विश्वनाथ मंदिर प्रांगण में विश्वनाथ सेवा मंडली द्वारा फूलदेई त्यौहार परंपरानुसार और बड़े उत्साह से मनाया गया।
काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत श्री अजय पुरी जी उत्तराखंड की लोक संस्कृति और लोक पर्वों के आयोजन को उत्साह से मंदिर परिसर में आयोजित करते हैं, ताकि विश्वनाथ आने वाले भक्त भी लोक संस्कृति व पहाड़ के लोक प्रर्वों को जान सकें.
काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत श्री अजय पुरी जी ने बताया कि आज की युवा पीढ़ी जिस तरह से अपने लोक पर्वों को भूलती जा रही है, उसके लिए हमारे लोक पर्वों के आयोजन जरूरी हो गए हैं.
क्योंकि पलायन की मार झेल रहे उत्तराखण्ड में लोग पहाड़ छोड़ शहर की तरफ मुहँ मोड़ चुके हैं. इसलिए भविष्य में आने वाली पीढ़ी तक हमारी पौराणिक संस्कृति और त्यौहार पहुँचाए जाने के प्रयास हर उत्तराखंडी को करने चाहिए. श्री अजय पुरी ने कहा कि हमारी पौराणिक संस्कृति और धरोहर को संरक्षित रखने के लिए अपने रीती रिवाज़ और लोक त्योहारों को मनाएं और एक दूसरे को शुभ सन्देश और शुभकामनाये देते रहें, ताकि ये सदैव हमारे बीच जीवित रहें.