उत्तरकाशी. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते सौम्यकाशी यानी उत्तरकाशी स्थिति भगवान काशी विश्वनाथ के मंदिर के कपाट सोमवार को बंद कर दिए गए हैं. काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत श्री अजय पुरी ने कहा कि भगवान के द्वार कभी भी, किसी के लिए भी, बंद नहीं होते, वे तो सदैव खुले रहते हैं अपने भक्तों के लिए.
लेकिन कोरोना के आपातकाल में जनकल्याण/लोकहित में, भगवान के पूजा स्थलों को #बंद करने का निर्णय लेना पड़ा है. ताकि किसी के साथ कुछ अनर्थ न हो सके. भीड़भाड़ न हो. श्री अजय पुरी ने कहा कि यूं तो सदियों से शीतकाल में भी मुख्य धामों के कपाट बंद रखे जाते हैं, सिर्फ इसलिए ताकि श्रद्धालुओं/भक्तों को कोई समस्या न हो.
कुछ इसी तरह का शीतकाल/आपातकाल कोरोना वायरस (राक्षस) के रूप में आजकल मनुष्य जाति पर काल की तरह छाया हुआ है. आज पूरा विश्व लाकडाउन की स्थिति से गुजर रहा है. उत्तराखण्ड सरकार ने भी 31 मार्च तक लॉकडाउन की घोषणा की है. इसी क्रम में उत्तरकाशी स्थिति भगवान काशी विश्वनाथ के मंदिर के कपाट भी सभी के उत्थान की कामना करते हुए 31 मार्च 2020 बंद कर दिये गए हैं.
श्री अजय पुरी ने कहा कि लोक कल्याण शिव भक्तों के लिये सदैव सर्वोपरि रहा है, इसकी राह स्वयं महादेव ने हमें दिखाई है. लोक कल्याण के लिये हलाहल विष को पी गए और नीलकंठ हो गए.
जो सेवा हम नित्य बाबा विश्वनाथ के मंदिर में आकर करते थे, वही सेवा उसी रूप में अपने घर वा घर के आसपास भी करने का प्रयास करते हैं तो मुझे लगता है कि ये सेवा भी बाबा विश्वनाथ तक अवश्य पहुंचेगी और निश्चित जनकल्याण होगा. आप सभी महादेव के भक्तों से इसी निवेदन के साथ बाबा के चरणों मे समस्त विश्व के कल्याण के लिये प्रार्थना करते करते हैं.
अजय पुरी
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर
उत्तरकाशी