रुद्रप्रयाग. स्वयं सहायता समूह द्वारा निर्मित मास्क मेडिकल स्टोर में उपलब्ध होंगे. जनपद में एन आर एल एम, आजीविका व नगर पालिका की स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा घर पर ही मास्क बनाये जा रहे हैं जिनका प्रयोग करके मास्क को पुनः उपयोग में लाया जा सकता है. स्वयं सहायता की महिलाओं द्वारा मास्क बनाने के लिये सूती कपड़े का प्रयोग किया जा रहा है. सर्वप्रथम सूती कपड़े को अच्छी तरह धो कर तेज धूप में सुखाने के पश्चात काट लिया जाता है तथा सिलाई मशीन की सहायता से सिल कर तैयार किया जा रहा है.
जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया ऐसे पहनें मास्क
इस आशय की जानकारी देते हुय जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि स्वयं सहायता समूह द्वारा सरकार द्वारा जारी मैनुअल के अनुसार मास्क तैयार किये जा रहे है. जिलाधिकारी ने बताया कि आमजन के द्वारा इन मास्क को पुनः उपयोग में लाया जा सकता है. ये वॉशेबल मास्क है जिन्हें आम जन पहनने से पूर्व अपने हाथ को अच्छी तरह धोकर पहने. मास्क पहनते समय अपने नाक व मुँह को अवश्य ढके व मास्क के अंदर की सिलवटें हमेशा नीचे की ओर होनी चाहिए. मास्क को पुनः उपयोग करने के लिये कभी भी उलटा न करे, जैसे ही मास्क गीला व नम हो तुरंत दूसरे मास्क से बदल लें. मास्क को साबुन के घोल या उबलते पानी में धोये जिसमे नामक डला हुआ हो व तेज धूप में सुखाये.
जिलाधिकारी में बताया कि अभी गांव में ही मास्क का वितरण किया जा रहा है तथा जल्द ही 2 से दिन के भीतर मेडिकल स्टोर में मास्क उपलब्ध रहेंगे. इसके साथ ही वर्तमान में लगभग 10 स्वयं सहायता समूह की 150 महिलाओं द्वारा घर पर ही मास्क बनाने का कार्य किया जा रहा है तथा अन्य स्वयं सहायता समूह जो सिलाई के कार्य में प्रवीण हैं उन्हें भी मास्क उत्पादन के कार्य से जोड़ा जा रहा है.