दिल्ली. सरकार द्वारा गरीबों की मदद के पैकेज के जैसा ही कोई पैकेज ब्राह्मणों के लिए भी सरकार को देना चाहिए, यह बात कही है आचार्य नीरज रतूड़ी ने. उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण मंदिर, शादी व्याह पूजापाठ का काम बहुत कम हो गया है, ऐसे में इस वर्ग के ऊपर बड़ा ही धर्म संकट आ गया है.
उन्होंने कहा ऐसे ब्राह्मण जो प्रतिदिन पूजा पाठ या मन्दिरों की सेवा द्वारा ही अपनी आजीविका का निर्वहन करते हैं, जो सरकार द्वारा जारी किसी भी राहत पैकेज की श्रेणियां में नहीं आते हो, जो सामन्य वर्ग के होकर ओर वो कर्मकांडी ब्राह्मण जो किसी मन्दिर के पुजारी, आचार्य या पुजारी अधीनस्थ पूजन-पाठ करके अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं, उनकी सहायता के लिये भी सरकार कुछ निर्णय नहीं ले रही है. सामान्य वर्ग ब्राह्मण आरक्षण की मार से पहले ही दबा है.
आचार्य नीरज रतूड़ी ने कहा कि ये परेशानियाँ उसके परिवार के लिये स्वयं उसके रोजगार के लिये घातक हो गई. इस कोरोना वायरस की वजह से घर से बाहर ना निकलना इस लॉकडाउन संकट की घड़ी में सरकार की योजनाओं से ब्राह्मण वर्ग वंचित है. इसलिए माननीय प्रधानमंत्री जी से अभिलाषा है कि उन सभी प्रत्येक ब्राह्मण को भी राहत राशि सहायता प्रदान की जाये.
आचार्य नीरज रतूड़ी ने कहा कि वैदिक ब्राह्मण का रोजगार समूचित रूप से संकट में है, क्योंकि प्रत्येक ब्राह्मण सरकार द्वारा लॉकडाउन के नियमों का भरपूर पालन कर रहें हैं. उन्होंने कहा कि इस कलिकाल में प्रकृति ने तो अपना प्रचंड रूप दिखा दिया है ओर इसी कलि काल में भूदेव स्वरूप को भी अपना नियमित रोजगार ना होने के कारण परेशानियां इस कोरोना के वजह पृथ्वीलोक में भुगतनी पड़ रही हैं. नियमित रोजगार ना होने के कारण उनके परिवार में भी इतनी परेशानियां आज तक कभी नहीं हुई. इसलिए सरकार का कर्तव्य है कि इस घड़ी में उनके आर्थिक या किसी भी राहत सामग्री से उनकी सहायता करें.
-“सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः । सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद् दुःखभाग्भवेत्: ॥”सभी सुखी होवें, सभी रोगमुक्त रहें, सभी मंगलमय घटनाओं के साक्षी बनें और किसी को भी दुःख का भागी न बनना पड़े।”जय भूदेव