देहरादून. देशभर में लॉकडाउन 4.0 दो दिन बाद खत्म होने को है और लाकडाउन 5.0 को लेकर भी नए दिशा निर्देशों का लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. लेकिन हम अगर बात अपने राज्य उत्तराखंड की करें तो आंकड़ों के लिहाज से देखें तो उत्तराखंड को अब सही मायने में लाकडाउन की जरूरत है. उत्तराखंड में भी 18 मई को लॉकडाउन 4.0 को लागू किया गया था, लेकिन तब तक उत्तराखंड में कोरोना संक्रमितों की संख्या 100 भी पार नहीं कर पाई थी.
18 मई यानी लाकडाउन 4.0 के दिन के आंकड़े
लॉकडाउन 4.0 राज्य में 18 मई को आगे बढ़ा और इस दिन यहां कुल कोरोना संक्रमितों की संख्या 93 थी. 18 मई यानी लाकडाउन 4.0 के दिन उत्तराखंड के 6 जिलों में कोरोना का एक भी मामला नहीं था, जबकि अल्मोड़ा में 2, देहरादून में 46, हरिद्वार में 7, नैनीताल में 15, पौड़ी में 2, ऊधमसिंह नगर में 20 व उत्तरकाशी में 1 कोरोना संक्रमित पाया गया था. आज जब लाकडाउन 4.0 खत्म के अंतिम दिनों में है, तब आज के आंकड़ों की स्थिति राज्य में एक बार फिर संपूर्ण लाकडाउन का इशारा कर रही है.
कल 28 मई तक के आंकड़े
कोरोना के कल 28 मई तक के आंकड़ों को देखें जो तो राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या 500 तक पहुंच गई है. अब राज्य का कोई भी जिला कोरोना से अछूता नहीं है. 28 मई तक राज्य के सभी जिले कोरोना ग्रस्त हो चुके हैं. वर्तमान स्थिति यह है कि उत्तराखंड के अल्मोड़ा में 24, बागेश्वर में 8, चमोली में 11, चंपावत में 8, देहरादून में 83, हरिद्वार में 43, नैनीताल में सर्वाधिक 139, पौड़ी में 23, पिथौरागढ़ में 20, रूद्रप्रयाग में सबसे कम 3, टिहरी जनपद 62, उंधमसिंह नगर 57, उत्तरकाशी 10 व प्राइवेट लैब के 9 आंकड़ों को मिलाकर राज्य में कोविड 19 के मामलों की संख्या 500 पर थी. राज्य में 28 मई तक 78 लोग ठीक भी हुए हैं. मौत का आंकड़ा 4 पर रहा. उक्त आंकड़ों को देखकर राज्य के कई समाजसेवियों का कहना है कि राज्य में अब लाकडाउन की जरूरत है.
21 दिन के लिए पूर्ण लाकडाउन कर दिया जाना चाहिए : श्री रतनसिंह असवाल
पलायन एक चिंतन टीम के मार्गदर्शक श्री रतनसिंह असवाल जी ने राज्य में लाकडाउन 5.0 को लेकर पूछे जाने पर कहा कि राज्य को 01 जून से 21 दिन के लिए पूर्ण लाकडाउन कर दिया जाना चाहिए और किसी को राज्य में प्रवेश और किसी को बाहर जाने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए. श्री असवाल जी ने कहा कि राज्य में जो लोग अन्य प्रांतों से खासकर महाराष्ट्र और दिल्ली NCR से लौटे हैं, उनमें साढ़े चार सौ से अधिक पाजिटिव केस मिले हैं.
उन्होंने कहा कि संभवत: वे लोग जहां रहे, वहां सुरक्षित रहे हों, लेकिन तेजी से गांव लौटने उमड़ी भीड़ में वे लोग भी संक्रमित हो गए. राज्य में एकाएक उमड़ी भीड़ और बढ़ते कोरोना मामलों पर श्री असवाल जी ने कहा जो महानगरों में सुविधा संपन्न लोग हैं उन्हें इस दौर में संयम रखना चाहिए था और जो जरूरतमंद हैं पहले ही उन्हें गांव लौटने देना चाहिए था. फिर जब सब सामान्य हो जाता, तब सभी को गांव आने का फैसला करना चाहिए था, ताकि राज्य सरकार और गांवों को व्यवस्थाएं बनाने में आसानी होती. इसलिए अब राज्य के लोगों और प्रवासियों के साथ ही उत्तराखंड को संक्रमण से बचाने के लिए जरूरी है कि 21 दिन के लिए राज्य में कड़ा लाकडाउन 5.0 रखा जाए.
आज 29 मई दोपहर दो बजे तक के उत्तराखंड कोरोना आंकड़े
कोरोना के आज 29 मई तक के आंकड़ों को देखें जो तो राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या 602 तक पहुंच गई है. अब राज्य का कोई भी जिला कोरोना से अछूता नहीं है. 28 मई तक राज्य के सभी जिले कोरोना ग्रस्त हो चुके हैं. वर्तमान स्थिति यह है कि उत्तराखंड के अल्मोड़ा में 39, बागेश्वर में 16, चमोली में 11, चंपावत में 8, देहरादून में 137, हरिद्वार में 47, नैनीताल में सर्वाधिक 140, पौड़ी में 25, पिथौरागढ़ में 21, रूद्रप्रयाग में सबसे कम 5, टिहरी जनपद 70, उंधमसिंह नगर 61, उत्तरकाशी 10 व प्राइवेट लैब के 12 आंकड़ों को मिलाकर राज्य में कोविड 19 के मामलों की संख्या 602 पर है. राज्य में 89 लोग ठीक भी हुए हैं. मौत का आंकड़ा 5 पर है. उक्त आंकड़ों को देखकर राज्य के कई समाजसेवियों का कहना है कि राज्य में अब लाकडाउन की जरूरत है.