देहरादून. मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में गुरूवार को सचिवालय में यूनिफाईड मैट्रो पालिटन ट्रांसपोर्ट आथोरिटी (यू.एम.टी.ए) की बैठक हुई. बैठक में उत्तराखण्ड मेट्रो रेल परियोजना के काम्प्रीहेंसिव माबिलिटी प्लान (सी.एम.पी) को मंजूरी दी गई. देहरादून शहर में दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन के सहयोग से रोप-वे प्रणाली की डीपीआर तैयार की जा रही है. हरिद्वार-ऋषिकेश एवं नेपाली फार्म-विधानसभा कोरिडोर में मेट्रो लाईट के निर्माण के साथ ही हरिद्वार शहर में पी.आर.टी के निर्माण हेतु अनुमोदन प्राप्त किया गया.
मेट्रो रेल के एमडी ने देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश मैट्रोलाईट सिस्टम पर दिया प्रस्तुतिकरण
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में यू.एम.टी.ए का गठन किया गया है. इसमें आवास मंत्री, उत्तराखण्ड उपाध्यक्ष, मुख्य सचिव सदस्य सचिव, सचिव आवास, वित्त, परिवहन, नियोजन, राजस्व एवं शहरी विकास सदस्य हैं. बैठक में एमडी उत्तराखण्ड मेट्रो रेल श्री जितेन्द्र त्यागी ने देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश मैट्रोलाईट सिस्टम पर विस्तार से प्रस्तुतिकरण दिया. इस अवसर पर उन्होंने हरिद्वार से ऋषिकेश, देहरादून से नेपाली फार्म तक मेट्रो लाईट के लिए रूट प्लान स्टडी के बारे में जानकारी दी. देहरादून व हरिद्वार शहर के लिए भी बनाई गई योजना के बारे में जानकारी दी गई. इस अवसर पर आवास मंत्री श्री मदन कौशिक, प्रमुख सचिव श्री आनन्द वर्द्धन, सचिव श्री नितेश झा एवं सबंधित अधिकारी उपस्थित थे.
क्या होती है मेट्रो लाइट
‘मेट्रोलाइट’ ट्रेन योजना छोटे शहरों को जोड़ने के लिए होती है. मेट्रो की तर्ज पर इन ट्रेनों में तीन डिब्बे होते हैं. इनकी रफ्तार 25 किलोमीटर प्रति घंटा तक होती है. आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय मेट्रोलाइट सिस्टम के बारे में छोटे शहरों को जोड़ने के निरंतर प्रयास में है. मेट्रो ट्रेन की कामयाबी को देखते हुए कई छोटे शहर रेल आधारित मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम चाहते हैं. मेट्रोलाइट देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश जैसे शहरों की यह जरूरत पूरी कर सकती है.