घनसाली. पूरे विश्व में जिस प्रकार कोविड-19 की महामारी फैली है और बड़े से बड़े प्रतिनिधि सिर्फ घोषणाएं कर रहे हैं. कई बार कई ग्राम प्रतिनिधि जहां सरकारी योजनाओं में भी अपने नाते रिश्तेदारों से आगे नहीं बढ़ पाते, वहीं कोविड-19 में कई जनप्रतिनिधियों ने मानवता के रास्ते पर चलकर हर ग्रामवासी की सेवा की अनोखी मिसाल भी पेश की है. मानवता की अनोखी मिसाल और जनसेवा के नए मानदंड स्थापित करने वाली ऐसी ही एक ग्राम पंचायत ग्यारह गाँव हिंदाव की सरुणा भी है.
ग्राम पंचायत सरुणा के एक युवा प्रदेश में कामकाज बंद होने के बाद संकट में थे. ग्राम पंचायत सरुणा के प्रधान के चुनाव में जिस युवा ने श्रीमती कविता भंडारी का सबसे ज्यादा विरोध किया था, उसी युवा की मदद कर एक ग्रामसभा की मुखिया होने की जिम्मेदारी से ग्राम प्रधान जी ने लोगों का दिल जीत लिया है. यह युवा रोजगार बंद होने के कारण हरियाणा में फंस गया था.
महिला प्रधान श्रीमती कविता भंडारी जी को जैसे ही यह सूचना मिली कि उनकी ग्रामसभा का यह युवा हरियाणा में संकट में है, प्रधान जी ने अपने निजी खर्चे से (10,000) भेज कर उसे हरियाणा से वापस गांव में बुलाया है. अपनी ग्राम सभा के इस युवा को अब वहीं गांव के स्कूल में मूलभूत सुविधा देकर क्वारंटीन करवा दिया और उन्हें 14+7 दिन के लिए भारत सरकार की गाइड लाइन का पालन करने के सख्त निर्देश दिए हैं. ग्राम प्रधान लगातार ग्रामसभा के लिए कई योजनाओं पर काम कर रही हैं और आने गांव की बदली तस्वीर सभी क्षेत्रवासियों को देखने को मिलेगी. गांव लौटे उस युवा के परिवार व पूरी ग्राम सभा ने प्रधान जी का धन्यवाद दिया है और आभार व्यक्त किया है.