दिल्ली. वैश्विक महामारी कोरोना मरीजों की संख्या के लिहाज से भारत दुनिया में अमेरिका, ब्राजील, रूस के बाद चौथे स्थान पर आ गया है. यानी प्रभावित देशों में भारत दुनिया में चौथे स्थान पर है, जहां अब तक चार लाख 25 हजार 282 नागरिकों को कोरोना हुआ है. भारत में एक लाख 74 हजार एक्टिव केस हैं और दो लाख 37 हजार लोग कोरोना को मात दे चुके हैं. मौतों की बात करें तो 13699 लोगों की जान भी गई है. इन सब भयावह आंकड़ों के बीच सुखद खबर कोरोना की दवा को लेकर भी आ गई है.
दवा निर्माताओं और वैज्ञानिकों की सफलता धीरे धीरे अब समाधान के मुकाम पर है और अभी दो दिन पहले ही भारत में हल्के लक्षणों वाले रोगियों के लिए ग्लेनमार्क की ‘फैबिफ्लू’ जेनेरिक दवा के बाद अब गंभीर लक्षण वालों के लिए भी एक और कंपनी की दवा आ गई है. इसी कड़ी में अब एक और सुखद खबर आई है भारतीय जेनरिक दवा निर्माता हेटरो लैब से. हेटरो लैब ने रेमडेसिविर की जेनेरिक दवा बनाई है. रेमडेसिविर की यह दवा कोरोना के इलाज के लिए ‘कोविफॉर’ नाम से पेश की है और यह दवा भारत में इसी ब्रांड नाम से बेची जाएगी.
A important development in India’s fight against COVID-19 pandemic. Proud to be the first company to gain DCGI approval for generic drug Remedesivir. It will be marketed under the name ‘Covifor’ for patients hospitalised with severe symptoms.
Link: https://t.co/BMm9GPpQoB pic.twitter.com/qitnjW5RIO— Hetero (@heteroofficial) June 21, 2020
हेटरो ग्रुप ने अपने चेयरमैन डॉ. बी. पार्था सराधी रेड्डी के हवाले से ट्वीट में बताया कि भारत में बढ़ते कोविड-19 मामलों के मद्देनज़र कोविफॉर (रेमडेसिविर) अपने सकारात्मक क्लीनिकल परिणामों के चलते गेम चेंजर साबित हो सकती है. उन्होंने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में हम सरकार और चिकित्सा समुदाय के साथ मिलकर काम करते रहेंगे. ‘रेमडेसिविर’ को डीसीजीआई ने उन बच्चों एवं व्यस्कों के उपचार के लिए स्वीकृति दी है, जो कोविड-19 के गंभीर लक्षणों के साथ अस्पताल में भर्ती हैं. कोविफॉर 100 मिली ग्राम की बोटल में आएगी. जिसे अस्पताल में डॉक्टर की निगरानी में इंट्रावीनसली दिया जाएगा.
Our Chairman’s statement on #Hetero gaining Remedesivir approval from DCGI. This development, besides its potential to become a game-changer in COVID-19 treatment also showcases Hetero’s commitment to bring life-saving medicines within affordable reach. #FightAgainstCovid19 pic.twitter.com/tAIh0ScgKd
— Hetero (@heteroofficial) June 22, 2020
हेटरो ने कहा कि DCGI से रेमेडिसवीर की मंजूरी, यह विकास, COVID-19 उपचार में गेम-चेंजर बनने की अपनी क्षमता के अलावा, सस्ती पहुंच के भीतर जीवन रक्षक दवाओं को लाने के लिए हेटेरो की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है.
बता दें कि अमेरिकी कंपनी गिलीड द्वारा विकसित इन्वेस्टिगेशनल ऐंटीवायरल दवा ‘रेमडेसिविर’ को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से विपणन की भी अनुमति मिल चुकी है. यह दवा कोरोना के गंभीर लक्षणों वाले मरीजों के इलाज में प्रभावी मानी जा रही है. कीमत इस दवा की महंगी बताई जा रही है जो लगभग 5500 रुपए हो सकती है. इस दवा को सरकार के जरिये ही विपणन किया जाएगा.