मुंबई. मुंबई में फंसे प्रवासियों के लिए लगातार कोशिश कर उन्हें उत्तराखंड पहुंचाने के लिए जिन सामाजिक संस्थाओं ने प्रयास किए उनमें प्रवासी सहयोगी टीम की भूमिका अहम रही है. कुछ चुनिंदा श्रमिक ट्रेनों को चलाकर उत्तराखंड सरकार यह मान बैठी थी कि अब मुंबई में कोई प्रवासी फंसा ही नहीं है, यानी सभी घर आ चुके हैं. ऐसे में कई असंख्य प्रवासी सरकार के इस रुख और अपनी बारी का इंतजार करते करते गांव लौटने की आश खो बैठे थे. थके हारे इन प्रवासियों के लिए प्रवासी सहयोगी टीम उम्मीद बनकर सामने आई और मुंबई में फंसे लोगों को उनके घर भेज कर ही चैन की सांस ली.
इस दौरान प्रवासियों को गांव भेजने की जद्दोजहद में प्रवासी सहयोगी टीम की सदस्या श्वेता मासीवाल द्वारा माननीय उच्च न्यायलय नैनीताल में हस्तक्षेप याचिका भी डाली गई और माननीय उच्च न्यायालय के दिशा निर्देश पर फिर एक और श्रमिक ट्रेन चलाने का रास्ता प्रशस्त हुआ और १६ जून २०२० को श्रमिक ट्रेन से करीब ९७२ यात्री अपने गृह राज्य ठाणे से लालकुआं पहुंच पाए.
सहयोग के लिए जताया आभार
मुंबई से प्रवासियों की बात का संज्ञान लेने के लिए प्रवासी सहयोगी टीम ने सर्वप्रथम माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल का आभार जताया है. इसके साथ ही उत्तराखंड राज्य सरकार का भी धन्यवाद किया. सहयोगी टीम ने महाराष्ट्र सरकार के माननीय कैबिनेट मंत्री श्री आदित्य ठाकरे जी और उनकी टीम का भी आभार व्यक्त किया और कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने हमें शुरू से अंत तक हर संभव सहयोग दिया.
महाराष्ट्र के ठाणे, पालघर, रायगढ़ व नवी मुंबई के प्रशासनिक अधिकारियों, महाराष्ट्र पुलिस, ठाणे पुलिस, रायगढ़ पुलिस, पालघर पुलिस, नवी मुंबई पुलिस एवं रेलवे कर्मचारियों का भी आभार व्यक्त किया.
पालक मंत्री श्री एकनाथ शिंदे व सांसद श्री राजन विचारे खुद रहे स्टेशन पर मौजूद
प्रवासी सहयोगी टीम के २० से २५ सदस्य ठाणे स्टेशन में मौजूद थे, ताकि यात्रियों को किसी भी प्रकार की दिक्कतों सामना न करना पड़े. महाराष्ट्र के माननीय पालक मंत्री और सबके चेहते श्री एकनाथ शिंदे जी एवं माननीय सांसद श्री राजन विचारे जी का विशेष रूप से आभार व्यक्त किया, आप दोनों महान सख्सियत सभी प्रवासी यात्रियों को विदा करने तक वहां उपस्तिथ रहे और हमारे सदस्यों द्वारा रखे कुछ परेशानियों को भी सुना, तुरंत निदान हेतु हर संभव सहयोग करने की आशा जताई.
प्रवासी सहयोगी टीम के सदस्यों ने सीटों को सुनिश्चित करने के लिए वही पर सूचि बनाई जो अपने आप में एक स्वयंसेवी निस्वार्थ भाव को प्रकट करती है. कुंदन गरिया जी, नरेंद्र राजपूत जी, नवीन चंद्र भट्ट जी, श्री हर्षवर्धन मनराल जी, श्री दिलीप बिष्ट जी, श्री लोकेंद्र ओझा जी एवं श्री बृजेश रावत जी का भी सहयोगी टीम ने आभार माना है.
फंसे प्रवासियों के लिए मार्गदर्शक
फंसे प्रवासियों के लिए सफल कोशिश करने के लिए मार्गदर्शक श्री गोपाल गोस्वामी जी, एडवोकेट दुष्यंत मैनाली जी, अपूर्व जोशी जी, साहिल जोशी जी, सर्वोच्व न्यायालय के एडवोकेट श्री गोपाल शंकरनारायण, आल इंडिया फारवर्ड ब्लॉक के राष्ट्रीय महासचिव श्री देवव्रत विश्वास जी व महाराष्ट्र प्रदेश महासचिव श्री रामेश्वर चोण्डा जी एवं अन्य पत्रकार मित्र का भी तहे दिल से प्रवासी सहयोगी टीम ने धन्यवाद दिया है.
यात्रियों को भोजन, पानी आदि की व्यवस्था में मददगार बने NGO
इस मुहिम में कई गैर राजनीतिक संगठन (NGO) जैसे कोस्टल इंडिया, अक्षय पात्रा फाउंडेशन, लीड फाउंडेशन, राहुल कनान फाउंडेशन, यूनिसेफ व जीवन रथ, करोन मेडम, कोस्ट ट्रेवल रिलीफ टीम, काफल फाउंडेशन एवं देव भूमि सांस्कृतिक कला मंडल ठाणे, हरीश दसौनी द्वारा जाने वाले यात्रियों को भोजन, पानी आदि की व्यवस्था की गयी थी, प्रवासी सहयोगी टीम ने सभी का धन्यवाद कर भविष्य में भी एक साथ मिलकर कार्य करने की आशा जताई है.
इस मुहिम को सफल बनाने में मुंबई के सभी संस्थाओं व संगठन से जुड़े लोग थे, जिनमें श्री मोहन चंद्र जोशी जी, कुंदन गरिया जी, श्वेता मासीवाल शर्मा, प्रदीप सिंह रावत, गगन शर्मा, नवीन चंद्र भट्ट, सुधाकर थपलियाल, कैलाश उदय चंद, दान सिंह राजपूत, अशोक मुरारी जी, प्रदीप रावत, ठाणे, गजेंद्र रावत, पप्पू बर्थवाल, हरीश दसौनी, प्रताप सिंह कार्की, देव चंद, महेंद्र गुसाई, जयप्रकाश सभापति, मनीष रावत, अवतार नेगी, केदार धर्मानंद जोशी, मेडी रावत, मोहन मेहरा, विजय बंगारी, शशि नेगी, माधव सिंह राजपूत, चामू सिंह राणा जी, दिनेश अंथवाल जी, मोहन बिष्ट जी व ग्रुप लीडर्स एवं अन्य सहयोगी, सभी का दिल से आभार.
कॉरेन्टीन सेंटर में भी मदद कर रहा वत्सल फाउंडेशन
प्रवासी सहयोगी टीम व वत्सल फाउंडेशन द्वारा अति जरूरतमंदों को यात्रा भी करायी, कॉरेन्टीन सेंटर में रह रहे लोगों से परस्पर संपर्क कर यथासंभव सहायता पहुंचाने और उनकी परेशानी को दूर करने की कोशिश भी की जा रही है.