गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ खूनी झड़प करने वाले चीन पर अब भारत सरकार ने भी अपनी स्टाइल में एक्शन लेना शुरू कर दिया है. भारतीयों में अपने सैनिकों की शहादत के बाद चीन के प्रति भारी आक्रोश है और व्यापारी से लेकर ग्राहक तक लोगों ने चीन के हर स्तर पर जबाव देने की ठानी है. नतीजतन सरकार ने भी चीन के कई टेंडर निरस्त करने के बाद अब चीन पर डिजिटल स्ट्राइक कर दिया है और चीन के 59 एप पर बैन लगाकर चीन की कमर पर सही प्रहार कर दिया है. टिक-टॉक, शेयर इट जैसे 59 एप पर प्रतिबंध के बाद अब भारतीय एप को बढ़ावा मिलेगा.
चीन से शुरू हुए कोरोना ने वैश्विक कोहराम मचा रखा है और ऐसी स्थिति में गलवान घाटी जैसे कृत्य चीन से चीन ने अपने पैरों में कुल्हाड़ी मार दी है. कोरोना के बीच ही ‘आत्म निर्भर भारत’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ की बात कह कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने लंबे संकेत दे दिए थे और लोकल पर हम वोकल हुए तो चीन की कमर टूटना तय है. प्रधानमंत्री जी ने जनता से बार बार यही आग्रह कर रहे हैं भारत में निर्मित उत्पादों और सेवाओं पर ध्यान दें और मेड इन इंडिया को बढ़ावा दें.
देश के बड़े व्यापारी अब चीन निर्मित सामान नहीं बेचने का संकल्प ले चुके हैं. डाटा चोरी की आशंकाओं के बीच 59 मोबाइल एप भी कल बैन हो चुके हैं. ऐसा नहीं है कि भारत के पास स्वदेशी ऐप नहीं. आएं बताते हैं भारत के वे स्वदेशी एप जो आत्मनिर्भर भारत के लिए उपयोगी हैं. हम यहां पांच ऐसे ऐप्स के बारे में बता रहे हैं जो हर भारतीय के मोबाइल फोन में होने चाहिए ताकि भारत के राष्ट्रीय ध्येय को सहयोग दिया जा सके और प्रधानमंत्री के स्वप्न को यथार्थ में बदला जा सके.
आरोग्य सेतु
भारत सरकार द्वारा लांच किया गया आरोग्य सेतु ब्ल्यूटूथ आधारित कोविड-19 ट्रैकर है. लॉकडाउन के इस दौर में यह ऐप सक्रियता के साथ प्रयोक्ताओं तक पहुंच रहा है और उन्हें कोविड-19 संबंधी जोखिम, सर्वश्रेष्ठ उपायों एवं उपयोगी सलाह की जानकारी दे रहा है. जिस तरह से संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं उसे देखते हुए आरोग्य सेतु बहुत अहम हो गया है क्योंकि यह कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग के आधार पर काम करता है और प्रयोक्ता को मदद देता है कि वह अपने इलाके आसपास संभावित कोरोनावायरस ’हॉटस्पॉट’ की पहचान कर सके. जिन इलाकों में कोरोना के मामले हैं वहां यह ऐप लोगों को सुरक्षित रहने व जरूरी सावधानी बरतने में मदद करता है. यह एक हद तक कम्युनिटी ट्रांस्मिशन बंद करने या रोकथाम में सहायक है.
इनशॉर्ट्स
कोविड-19 के भय के चलते देश में बहुत सी जगहों पर लोगों की अखबार तक पहुंच सीमित हो गई है. भारत में बहुत से लोग इनशॉर्ट्स का उपयोग कर रहे हैं ताकि देश व दुनिया के समाचार जान सकें. इनशॉर्ट्स एक मोबाइल ऐप है जो विभिन्न न्यूज़ साइट्स और सोशल मीडिया से प्रतिदिन की सबसे खास खबरों को इकट्ठा करता है, उन्हें 60 शब्दों में समेटता है और पूरी स्टोरी का लिंक प्रदान करता है. आम तौर पर इनशॉर्ट्स कारोबार, खेल, बॉलीवुड व टेक्नोलॉजी से संबंधित समाचार एकत्रित करता है. हालांकि आजकल कोविड-19 की नवीनतम जानकारी भी दे रहा है. आप इस ऐप को हिंदी व अंग्रेजी दोनों भाषाओं में इस्तेमाल कर सकते हैं.
शेयरचैट
शेयरचैट भारत का अपना बहुभाषी सोशल नेटवर्क है, जिसकी स्थापना भारतीयों ने की है और भारतवासियों ने ही अपने हाथों से इसे बनाया है. भारतीयों द्वारा, भारतीयों के लिए बनाया गया यह ऐप भारतीय संवेदनाओं, जरूरतों और बर्ताव को दर्शाता है. 6 करोड़ मासिक सक्रिय प्रयोक्ताओं के साथ शेयरचैट आज भारत का सबसे बड़ा क्षेत्रीय सोशल नेटवर्क है जो प्रयोक्ताओं को सुविधा देता है कि वे बिना किसी भाषाई बाधा या बिना किसी सामाजिक लांछन के अपनी जैसी सोच रखने वाले लोगों के साथ अपने विचार एवं मत साझा कर सकें. यह बहुत ही लोकप्रिय है और हर भारतीय इंटरनेट प्रयोक्ता के फोन में इसे होना ही चाहिए. आप अपनी पसंद की भारतीय भाषा में किसी भी शैली और श्रेणी में अपनी बात रख सकते हैं. शेयरचैट सही मायनों में भारतीयता का प्रतिनिधित्व करता है.
जियोसावन
कोविड-19 महामारी के चलते लोग सारा दिन घरों में रहते हैं, इसलिए इस दौरान स्ट्रीमिंग प्लैटफॉर्म्स के इस्तेमाल में वृद्धि हो रही है. इस श्रेणी में लाभ पाने वालों में शामिल है भारतीय ऐप जियोसावन, इसका दावा है कि दक्षिण भारतीय संगीत और ऑडियो ऐंटरटेनमेंट के मामले में यह सबसे बड़ी स्ट्रीमिंग सर्विस है. जियोसावन संगीत, रेडियो और पॉडकास्ट मुफ्त में मुहैया कराता है. बॉलीवुड, इंग्लिश¹, हिंदी, स्वतंत्र कलाकार, भारतीय क्षेत्रीय भाषाओं- तमिल, तेलुगू, पंजाबी, मराठी, कन्नड़, मलयालम, गुजराती, बंगाली, राजस्थानी, असमिया, उर्दू व भोजपुरी के इसमें 5.50 करोड़ से भी ज्यादा गीत उपलब्ध हैं.
भीम यूपीआई
ऑनलाइन भुगतान के क्षेत्र में अपेक्षाकृत नया ऐप होने के बावजूद भीम यूपीआई बेहद कामयाब साबित हुआ है. इसे उपयोग करने की आसानी और इसकी पहुंच ने इस ऐप को लॉकडाउन के दौरान इसे सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला ऐप बना दिया है. लॉकडाउन के दौर में सुरक्षा शीर्ष प्राथमिकता है, वायरस फैलने के डर से बाहरी दुनिया के साथ सम्पर्क से परहेज किया जा रहा है. नकदी के आदान प्रदान के जरिए होने वाला ट्रांस्मिशन भी चिंता का विषय है इसलिए भीम यूपीआई जैसे ऐप द्वारा कॉन्टेक्टलैस भुगतान विकल्पों की सलाह दी जा रही है.