मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में विभिन्न विभागों की योजनाएं की गई हैं शामिल
डोईवाला. मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत समेकित सहकारी विकास परियोजना व गंगा गाय महिला डेरी योजना में दुधारू पशु क्रय कार्यक्रम का शुभारम्भ किया. मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है जहां मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना जैसी योजना प्रारम्भ की गई है. इसमें कोविड-19 से प्रभावित होकर वापस लौटे प्रवासियों के साथ ही युवाओं और महिलाओं के लिए स्वरोजगार के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं. उद्योग विभाग के तहत योजना प्रारम्भ करने के साथ ही अन्य विभिन्न विभागों की योजनाओं को भी इसमें समावेशित किया गया है. मुख्यमंत्री ने दूधली में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत समेकित सहकारी विकास परियोजना व गंगा गाय महिला डेरी योजना में दुधारू पशु क्रय कार्यक्रम का शुभारम्भ किया.
स्वरोजगार से ही आत्मनिर्भर भारत सम्भव
मुख्यमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के लिए स्वरोजगार की राह पर चलना होगा. हमने प्रदेश में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना प्रारम्भ की है. इसमें ऋण व अनुदान की व्यवस्था की गई है. लगभग 150 प्रकार के काम इसमें लिए गए हैं. लाभार्थी अपनी रूचि और अनुभव के आधार पर इनमें से कोई भी काम शुरू कर सकता है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने 20 लाख करोड़ रूपए का पैकेज दिया है. इसमें देश के आर्थिक ढांचे को मजबूत करने पर विशेष ध्यान दिया गया है. उन्होंने आत्मनिर्भर भारत का आह्वान किया है. राज्य में भी इसी क्रम में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना का न केवल प्रारूप बनाया गया बल्कि इसका धरातल पर क्रियान्वयन भी शुरू किया जा चुका है. जिला योजना में स्वरोजगार को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है.
बद्री गाय के संरक्षण व दुग्ध उत्पादकता बढ़ाने के प्रयास
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य राज्य में दूध की उपलब्धता को बढ़ाना भी है. इसीलिए निर्णय लिया गया कि योजना के तहत दुधारू पशु राज्य के बाहर से लाए जाएंगे. साथ ही बद्री गाय के संरक्षण पर काम किया जा रहा है. बद्री गाय के घी की बाजार कीमत काफी अधिक है. कोशिश की जा रही है कि इनकी दुग्ध क्षमता को बढ़ाया जा सके. इसमें कुछ सफलता भी मिली है.
घर लौटे प्रवासियों के लिए रोजगार के अवसर
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड़-19 की स्थितियों से प्रभावित होकर बड़ी संख्या में प्रवासी भाईयों को उनके घर पहुंचाया गया है. उनके स्वास्थ्य, भोजन आदि की व्यवस्था की गई. इसके साथ ही इनमें से जो लोग अब उत्तराखण्ड में रहकर ही काम करना चाहते हैं, उनके लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में व्यवस्था की गई है. मनरेगा में 36 हजार नए रजिस्ट्रेशन करते हुए काम उपलब्ध कराया गया है.