(मुंबई से वरिष्ठ पत्रकार श्री राकेश पुंडीर जी की रिपोर्ट)
पालघर. उत्तराखंड की जानामानी फिल्म निर्मात्री/नायिका उर्मी नेगी जी इन दिनों अपने सामाजिक दायित्व के निर्वहन में जुटी हैं. हैंड टिपिन्न द्वारा 100 साल से मुंबई को भोजन परोसने वाले (डिब्बेवाले) भी कोरोना काल की इस त्रास्दी में स्वयं भी बेहाल हैं. मुंबई से लगभग सौ- डेढ सौ किमी दूर पालघर में जानामानी फिल्म निर्मात्री/ नायिका उर्मी नेगी का फार्महाउस है. वे लॉकडाउन के दौरान यहां की सुंदर हरीभरी पहाड़ियों की गोद में नयी फिल्म की स्क्रिप्ट पर गहनता से कार्य कर रही हैं.
उनके फार्महाउस में इस दौरान काफी दिन से यहां के स्थानीय निवासी महिलाएं कार्य करती हैं. मजदूर महिलाओं ने अपने अपने परिवारों की स्थिति उर्मी नेगी को बताई. उन्होंने उर्मी जी को बताया कि हमारे इस गांव के कई पुरुष मुंबई के आफिसों में वर्षों से डिब्बों में बंद खाना पहुंचाने का काम करते थे, हमारी दुनियां ठीक ठाक चल रही थी, परंतु जब से लॉकडाउन हुआ पूरा मुंबई बंद है.
उन महिनाओं ने बताया कि हमारे घरवाले तबसे घर में बैठे हैं थोड़ा जो कुछ बचाया था वह भी इन पांच महीनों में खत्म हो गया अब आगे क्या होगा भगवान ही मालिक है. इन भोली महिलाओं की पारवारिक स्थिति सुन उर्मी नेगी मुंबई के अपने कार्यालय से ट्रक द्वारा राशन व रोजमर्रा की अति आवश्यक वस्तुएं भेजने की व्यवस्था करने कहा और गांव की सभी अदिवासी महिलाओं के परिवारों को राशन व अन्य सामान अपने हाथों से वितरण किया और आदिवासियों से कहा कि लॉकडाउन तक वे आगे भी यह कार्य करती रहेंगी.