पनवेल। सत्य संस्कृति चैरिटेबल ट्रस्ट पनवेल और इंपीरियल इंफ्रा केमिकल्स पर्यावरण संरक्षण के लिए अनोखी पहल कर रहा है। दोनों संस्थानों की ओर से पनवेल की खूबसूरत पहाड़ी अदई हिल को हराभरा करने की मुहिम पिछले सालों से की जा रही है।
सत्य संस्कृति चैरिटेबल ट्रस्ट के पनवेल और इंपीरियल इंफ्रा केमिकल्स की इस मुहिम में 23 जून 2024 को को मेगा वृक्षारोपण अभियान चलाया गया। इसमें अदई हिल में 50 से ज्यादा पौधे लगाए गए। जिसमें 70 से ज्यादा लोगों ने मिल होकर पर्यावरण संरक्षण की प्रतिज्ञा ली। इस दौरान 50 से ज्यादा पौधे लगाने के साथ ही कई फूल और पेड़ों के बीज धरती पर रोपे गए। खास बात यह रही कि इस मेगा अभियान में नवी मुंबई के विभिन्न क्षेत्रों से बड़ी संख्या में महिला व बच्चे भी शामिल हुए। इस अभियान के संयोजक श्याम शाह, संजीव सजवान, सुधीर बिष्ट एवं मनोज खंतवाल थे।
प्रत्येक व्यक्ति हर साल 5 पौधे जरूर लगाने चाहिए: गोविंद मेहता
इस दौरान अनमोल प्रोडक्शंस की सर्वेसर्वा श्रीमती मीनाक्षी भट्ट ने कहा कि ऐसे अभियान पर्यावरण संरक्षण के लिए बहुत जरूरी हैं। यह हम सबको मिलकर करने चाहिए। वहीं कई साल से अदई की पहाड़ियों पर वृक्षारोपण की मुहिम में अग्रणी भूमिका निभाने वाले गोविंद मेहता ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को हर साल कम से कम 5 पौधे जरूर लगाने चाहिए। इस दौरान रमेश गोदियाल ने पौधों को लगाने के बाद उनके संरक्षण की बात पर जोर दिया। इस मेगा अभियान के लिए पुष्पा भट्ट, हरिश्चंद्र पांडे, जग्गी भंडारी एवं सुदर्शन भंडारी ने जलपान की व्यवस्था कर लोगों का हौसला बढ़ाया। वहीं गीतिका नगरकोटी ने आने वाले महीनों में और भी पौधे लगाने का आश्वासन दिया। इस मौके पर उत्तम ढेबे, पूरन चिलवाल, सुशील कुमार जोशी ने पौधों की व्यवस्था की। संस्था के चेयरमैन मोहनजोशी ने सभी का आभार व्यक्त किया।
भीषण गर्मी से रोज देते थे पौधों को पानी
बतादें कि सत्य संस्कृति चैरिटेबल ट्रस्ट पनवेल और इंपीरियल इंफ्रा केमिकल्स पर्यावरण संरक्षण की पहल के तहत दोनों संस्था के जरिए अप्रैल की महीने की भीषण गर्मी में भी रोपे गए पौधों को पानी दिया जाता रहा है। इस में अर्ली बर्ड्स हार्टफुलनेस और पनवेल ट्रैकर्स ग्रुप ने भी सहयोग किया। यहां संस्था द्वारा पिछले साल बारिश के मौसम में १००० पेड़ रोपे गए थे। इनमें से 300 से ज्यादा पौधे गर्मी में पानी के कमी से सूख रहे थे। इन पौधों को रोज सुबह पानी से सींचा गया। टीम से जुड़े लोग रोज सुबह इन पौधों को पानी से सींचते थे। यह अभियान लगातार मानसून आने तक चलाया गया। इस मुहिम में प्रताप सिंह मनराल, लोकेंद्र ओझा सहित कई लोग प्रमुख रूप से जुड़े रहे।