बद्रीनाथ. आज उत्तराखंड में 15 मई प्रात: 4 बजकर 30 मिनट पर कृष्ण अष्टमी तिथि धनिष्ठा नक्षत्र में श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट खोले गए. बद्रीनाथ मंदिर को फूलों से भव्य तरीके से सजाया गया. लॉकडाउन के चलते इस मौके पर बद्रीनाथ में कोई मौजूद नहीं है. इस अवसर पर बद्रीनाथ के रावल सहित मात्र 28 लोगों ही धाम में मौजूद रहे. कपाट खुलने के समय मुख्य पुजारी रावल, धर्माधिकारी भूवन चन्द्र उनियाल, राजगुरु सहित केवल कुछ लोग ही शामिल हो सके. इस दौरान मास्क के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया. इससे पूर्व पूरे मंदिर परिसर को सैनिटाइज किया गया. कपाट खुलने से पूर्व गर्भ गृह से माता लक्ष्मी को लक्ष्मी मंदिर में स्थापित किया गया और कुबेर जी व उद्धव जी की चल विग्रह मूर्ति को गर्भ गृह में स्थापित किया गया.
कोरोना महामारी के चलते इस बार बद्रीनाथ जी के सिंह द्वार पर होने वाला संस्कृत विद्यालय के छात्रों का मंत्रोच्चार और स्वस्तिवाचन भी नहीं हुआ, वहीं भारतीय सेना गढ़वाल स्कॉउट के बैंड बाजों की मधुर ध्वनि और भक्तों के जय बद्रीनाथ विशाल के जयकारे भी पूरे बद्रीनाथ धाम से गायब रहे.
उल्लेखनीय है उत्तराखंड के चार धामों के कपाट खुल चुके हैं जबकि कोरोना महामारी संकट टलने के बाद शीघ्र चारधाम यात्रा शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है. श्री केदारनाथ धाम के कपाट 29 अप्रैल तथा श्री गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया पर 26 अप्रैल को खुल चुके हैं. द्वितीय केदार मद्महेश्वर जी के कपाट कपाट 11 मई को खुल चुके हैं जबकि तृतीय केदार तुंगनाथ जी के कपाट 20 मई को तथा चतुर्थ केदार रुद्रनाथ जी के कपाट 18 मई को प्रात: खुल रहे हैं.
इस बार लामबगड़ एवं हनुमान चट्टी में देव डोलियों ने नहीं किया विश्राम
इससे पहले कल आदि गुरू शंकराचार्य जी की पवित्र गद्दी सहित रावल जी, श्री उद्धव जी, श्री कुबेर जी एवं गाडूघड़ा ( तेलकलश ) योग ध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर से आज दिन में श्री बद्रीनाथ धाम पहुंचे. रास्ते में इस बार लाम बगड़ एवं हनुमान चट्टी में देव डोलियों ने विश्राम नहीं किया नहीं इन स्थानों पर भंडारे आयोजित हुए. बद्रीनाथ पहुंच कर भगवान बदरीविशाल के जन्म स्थान लीला ढूंगी में रावल द्वारा पूजा-अर्चना की गयी.
इस बार श्री बद्रीनाथ पुष्प सेवा समिति ऋषिकेश द्वारा बद्रीनाथ धाम को फूलों से सजाया गया है. पांडुकेश्वर स्थित प्राचीन योग ध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर में प्रात: काल पूजा-अर्चना के पश्चात सभी देवडोलियों ने रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी एवं डिमरी पंचायत प्रतिनिधि, सीमित संख्या में हकूकधारियों के साथ श्री बद्रीनाथ धाम की ओर प्रस्थान किया. इस दौरान सोशियल डिस्टेसिंग का ध्यान रखा गया.मास्क पहने गये. कम संख्या में बद्रीनाथ धाम जाने की अनुमति दिये जाने के कारण देवस्थानम बोर्ड तथा सीमित संख्या में हकूकधारी बद्रीनाथ धाम पहुंचे. कपाट खुलने की प्रक्रिया से जुड़े कम से कम लोगों को श्री बद्रीनाथ धाम जाने की अनुमति दी गयी है.
मुख्यमंत्री ने दी शुभकामनाएं
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र रावत जी ने श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने पर सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएँ. कोरोना संक्रमण के दृष्टिगत लाॅकडाउन की स्थिति में आम श्रद्धालुओं को भगवान बदरीनाथ जी के दर्शन की कुछ प्रतीक्षा करनी पड़ेगी. मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र रावत जी ने कहा कि भगवान बदरीनाथ जी के आशीर्वाद से हम इस वैश्विक महामारी को हराने में अवश्य सफल होंगे. आपके समस्त मनोरथ पूर्ण हों, ऐसी भगवान बदरी विशाल से कामना करता हूं.