देहरादून. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष को लेकर कई दिनों से चल रही अटकलें आज खत्म हो गई. लंबें राजनीतिक अनुभव और पार्टी के प्रति गहरी निष्ठा के धनी बंशीधर भगत को प्रदेश भाजपा का अध्यक्ष चुन लिया गया है.
उत्तराखंड में 2022 में दुबारा सत्ता हासिल करने के इतिहास रचने की कोशिश में लगी भाजपा ने अनुभव को तरजीह देते हुए बंशीधर भगत को राज्य की कमान सौंपी है.
अध्यक्ष पद के अन्य दावेदारों कैलाश पंत और कैलाश शर्मा को प्रदेशाध्यक्ष का दावेदार बताया जा रहा था किंतु सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट, केंद्रीय पर्यवेक्षक अर्जुन मेघवाल ने चर्चा के बाद बंशीधर भगत के नाम पर मुहर लगा दी. कैलाश शर्मा और कैलाश पंत ने भी अपने नाम वापस लेकर बंशीधर भगत के नाम को अपना समर्थन दे दिया.
जानें बंशीधर भगत के राजनीतिक अनुभव के बारे में
- बंशीधर भगत 1975 में जनसंघ पार्टी से जुड़े थे.
- रामजन्म भूमि आन्दोलन के दौरान बंशीधर भगत करीब 23 दिन अल्मोड़ा जेल में भी रहे.
- साल 1989 में बंशीधर भगत ने नैनीताल-ऊधम सिंह नगर ज़िले में अध्यक्ष पद संभाला.
- 1991 में वह पहली बार उत्तर प्रदेश विधानसभा में नैनीताल से विधायक बने.
- 1993 में दूसरी और 1996 में तीसरी बार नैनीताल से विधायक बने.
- बंशीधर भगत ने उत्तर प्रदेश सरकार में खाद्य और रसद राज्यमंत्री रहे.
- उत्तराखण्ड राज्य गठन के बाद कैबिनेट मंत्री के की ज़िम्मेदारी निभाई.
- 2017 में विधानसभा चुनाव में बंशीधर भगत ने 6ठी बार चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचे.