दिल्ली. ‘भारतीय संसद में भगत सिंह कोश्यारी’ पुस्तक का विमोचन नई दिल्ली में एक समारोह में हुआ। इस अवसर पर केंद्रीय कपड़ा एवं वाणिज्य मंत्री श्री पीयूष गोयल जी, भाजपा के वरिष्ठ नेता श्याम जाजू, केंद्रीय पर्यावरण एवं वन श्री अश्विनी कुमार चौबे जी और चाणक्य वार्ता समूह के संपादक डॉ. अमित जैन व अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।
पुस्तक के विमोचन समारोह में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Koshyari) जी ने भारतीय संसद की अनेक बातों का अनुभव साझा किया. भगतसिंह कोश्यारी जी ने संसद की मर्यादाओं और विपक्ष के व्यवहार के बारे में अपने भाषण का स्मरण सुनाते हुए कहा कि जब एक बार वे पर्यावरण पर अपनी बात संसद में रख रहे थे, तब अध्यक्ष जी ने समय पूरा होने का आदेश दिया, तो तत्कालीन पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश जी ने खड़े उठकर अध्यक्ष जी से अपील की कि कोश्यारी जी को अपनी बात कहने दें, जब मैंने अध्यक्ष जी के आदेश पर बात वहीं समाप्त की तो पर्यावरण मंत्री ने खड़े उठकर मेरे पास आए और कहने लगे अब मैं इस पर अपना जबाव आपकी पूरी बात सुनकर ही दूंगा. कोश्यारी जी ने कहा कि यह संसद का उजला पक्ष था.
कोश्यारी जी ने अपने संबोधन में संसद के दूसरे चित्र का जिक्र करते हुए राहुल गांधी पर भी तंज कसा. कोश्यारी जी ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पर तंज कसते हुए कहा कि दूसरी तरफ संसद में कांग्रेस के नेता राहुल गांधी भी मिले, वे जब मिलते मेरी काली टोपी पर पूछने लगते. राहुल गांधी ने मुझसे कहा कि आप काली टोपी क्यों पहनते हैं? मैंने उनसे कहा कि लोग इसे उत्तराखंड में पहनते हैं। वह कहते ‘नहीं, नहीं, आप आरएसएस से हैं’। मैंने कहा मैं आरएसएस से हूं, लेकिन टोपी उत्तराखंड की है। आरएसएस के जन्म से पहले लोग इसे वहां पहनते आए हैं। फिर दूसरी बार यही बात पूछते।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता ने कुछ महीने बाद संसद में कुछ सांसदों के साथ बातचीत के दौरान फिर से उनसे टोपी के बारे में पूछा। उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने मुझसे फिर पूछा कि आप काली टोपी क्यों पहनते हैं… उन्होंने कहा कि यह आरएसएस की टोपी है। मैंने उनसे कहा कि मैंने पहले भी कहा था कि यह आरएसएस की टोपी नहीं है। उत्तराखंड की टोपी है। मैंने उनसे पूछा कि क्या आपने आरएसएस के बारे में कुछ पढ़ा है? उन्होंने कहा, ‘हां, हां, मैंने सावरकर के बारे में पढ़ा है’. इस दौरान कोश्यारी जी ने राहुल को समझाया कि सावरकर हिंदुत्व के विचारक रहे हैं, लेकिन वे कभी भी आरएसएस में नहीं थे। भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि संसद ऐसी स्थिति से भी देखी।
उल्लेखनीय है कि चाणक्य वार्ता प्रकाशन समूह ने कोश्यारी द्वारा भारतीय संसद के दोनों सदनों राज्यसभा एवं लोकसभा में दिए गए भाषणों का संकलन प्रकाशित किया है। इस पुस्तक में कोश्यारी द्वारा याचिका समिति के अध्यक्ष के रूप में लिए गए अनेक महत्वपूर्ण निर्णयों की रिपोर्ट भी प्रकाशित की गई है। पुस्तक में कोश्यारी के जीवन से जुड़े अनेक महत्वपूर्ण छायाचित्रों को भी संकलित किया गया है।