हरिद्वार. राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल श्री गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त) ने शुक्रवार को गायत्री तीर्थ शांतिकुंज (Gayatri Teerth Shantikunj) के स्वर्ण जयंती वर्ष के अवसर पर देव संस्कृति विश्वविद्यालय, शांति कुंज (Shantikunj), हरिद्वार में स्थापित 100 फीट के राष्ट्रीय ध्वज का लोकापर्ण किया. उन्होंने विश्वविद्यालय के न्यूजलेटर ‘रेनेसां’ का विमोचन भी किया.
उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में स्थित महाकाल मंदिर में पूजा-अर्चना की तथा राज्य की सुख-समृद्धि एवं खुशहाली के लिए प्रार्थना की. राज्यपाल ने विश्वविद्यालय परिसर में पुष्पचक्र अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि भी अर्पित की. राज्यपाल श्री गुरमीत सिंह ने कहा कि मेरे लिए यह गौरव का क्षण है. राष्ट्रीय ध्वज आन-बान, शान एवं गौरव का प्रतीक है. वह एक फौजी भी हैं. यदि एक फौजी को तिरंगा फहराने और तिरंगे से जुड़े गौरवपूर्ण कार्य में शामिल होने का अवसर मिले तो इससे अधिक सौभाग्य का विषय कोई नहीं हो सकता.
उन्होंने कहा कि मैंने एक सैनिक की भूमिका में जीवन बिताया है, हर रोज राष्ट्रीय ध्वज को अंतर आत्मा ने श्रद्धा की दृष्टि से देखा है. जब भी कोई सैन्य चुनौती सामने आयी, यही एहसास मन में रहा है, कि अगर प्राणों की आहुति हुई तो एक सर्वोच्च सौभाग्य होगा. राज्यपाल श्री गुरमीत सिंह ने कहा कि भारतीय संस्कृति विश्व की समृद्ध संस्कृति है, जिसमें नैतिक मूल्यों के साथ-साथ एक आदर्श जीवन पद्वति की भी शिक्षा दी जाती है. मानव जीवन के लक्ष्यों का निर्धारण इसी संस्कृति के द्वारा सम्भव है. उन्होंने कहा कि संस्कृति हमें शिक्षा के साथ-साथ विद्या, व्यापार, पर्यावरण और जीवन के अन्य महत्वपूर्ण आयामों से जोड़ती है. एक सुसंस्कृत और आदर्श जीवन के लिए जिन मूलभूत तत्वों की आवश्यकता है उन सभी का समायोजन भारतीय संस्कृति में है.