देहरादून. मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र रावत ने सचिवालय को कुंभ मेले के लिए चल रहे कार्यों की समीक्षा की, जिसमें मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आगामी कुंभ मेले की व्यवस्थाओं के संबंध में आयोजित बैठक में विभागीय सचिवों व विभागाध्यक्षों को उपरोक्त निर्देश दिये. मुख्यमंत्री ने कहा कि कुंभ मेले के कार्यों को पूर्ण कराने की जिम्मेदारी विभागीय सचिवों की होगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि तकनीकि दक्षता वाले विभागों के स्तर पर किये जाने वाले कार्यों में लापरवाही बर्दास्त नहीं की जायेगी. कुंभ मेले के पश्चात कुंभ के कार्यों एवं व्यवस्थाओं पर किसी भी प्रकार की शिकायत न मिले यह विभागाध्यक्षों की जिम्मेदारी होगी. कार्यदायी संस्थाओं को निर्माण सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित हो, इसकी व्यवस्था प्राथमिकता पर की जाए. जिन विभागों द्वारा अस्थायी निर्माण कार्य कुंभ मेले के दौरान किये जाने है वे अपना प्रस्ताव तीन दिन के अंदर मेलाधिकारी को उपलब्ध कराये.
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि कुंभ कार्यों की समीक्षा प्रत्येक 15 दिन में मुख्य सचिव के स्तर पर की जाए. कुंभ कार्यों हेतु गठित तकनीकि समिति अपनी रिपोर्ट मुख्य सचिव को उपलब्ध कराये. कुंभ के कार्यों को डबल शिफ्ट में कराया जाए. राष्ट्रीय राजमार्ग को सड़क व पुलों के निर्माण के लिये तीन शिफ्ट में कार्य करने की अनुमति प्रदान की जाए.
उन्होंने निर्देश दिए कि स्नान घाटों एवं पार्कों के निर्माण में स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ ही सी.एस.आर. के तहत इसमें सहयोग लिया जाए. उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि आगामी कैनाल क्लोजिंग के समय जिन घाटों का निर्माण, पुलों व सौन्दयीकरण के कार्य होने हैं, वह इस अवधि में पूर्ण करा लिये जाए. मुख्यमंत्री ने मेला क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने, साफ सफाई व सौन्दर्यकरण पर विशेष ध्यान देने को कहा.
बैठक में मेलाधिकारी श्री दीपक रावत ने व्यापक प्रस्तुतीकरण के माध्यम से कुंभ क्षेत्र में किये जा रहे निर्माण कार्यों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि कुंभ मेले के आयोजन से सम्बन्धित अब तक 16 बैठके आयोजित की जा चुकी हैं.
आगामी कुंभ मेले के लिये 1454.41 हेक्टियर भूमि चयन की प्रक्रिया गतिमान है, जबकि 2010 के कुंभ मेले में 630.832 हेक्टियर भूमि उपयोग में लायी गई थी. बैठक में कैबिनेट मंत्री श्री मदन कौशिक, मुख्यमंत्री के तकनीकि सलाहकार श्री नरेन्द्र सिंह, मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव श्री ओम प्रकाश, प्रमुख सचिव श्री आनन्द वर्द्धन, सचिव डॉ. भूपेन्द्र कौर औलख, श्री अमित नेगी, श्री नितेश झा, श्री शैलेश बगोली, श्रीमती राधिका झा, श्री दिलीप जावलकर, आयुक्त गढ़वाल श्री रविनाथ रामन, पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था श्री अशोक कुमार सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे.