किसानों की आय को बढ़ाने के लिए शुरू की गयी आत्मनिर्भर कृषि योजना के लिए व्यक्त किया आभार
देहरादून. केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भारत सरकार द्वारा कृषि विकास के सम्बन्ध में हाल ही में किए गए प्रयासों के सम्बन्ध में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों एवं कृषि मंत्रियों के साथ बैठक की. उन्होंने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा किसानों की आय को बढ़ाने के लिए शुरू की गयी आत्मनिर्भर कृषि योजना के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने में यह योजना मील के पत्थर की भूमिका निभाएगी.
बेमौसमी फल-सब्जियों की अपार संभावना
उन्होंने कहा केंद्र द्वारा प्रत्येक जनपद में दो-दो एफपीओ बनाए जाने हेतु दिए गए लक्ष्य को हम समय पूरा कर लेंगे. अन्य मैदानी राज्यों की तुलना में हमारे पर्वतीय राज्यों की परिस्थितियां अलग हैं. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड का अधिकांश भूभाग पर्वतीय है. जहां पर अलग-अलग प्रकार की क्लाइमेट कंडीशन है. उन्होंने पर्वतीय राज्यों के लिए अलग से नीति बनाई जाने का सुझाव दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड मैं बेमौसमी फल-सब्जियों की अपार संभावना है. इनके उत्पादन में फोकस करके किसानों की आय को बढ़ाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में जड़ी बूटियों की अत्यधिक संभावना है.
महिला स्वयं सहायता समूहों को भी रू. 5 लाख तक का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किसानों की आय दोगुनी करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. किसानों को रू. 3 लाख तक का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है, इसके साथ ही महिला स्वयं सहायता समूहों को भी रू. 5 लाख तक का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की कृषि में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है. बैठक में सचिव कृषि भारत सरकार श्री संजय अग्रवाल, सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुन्दरम, श्री हरबंस सिंह चुघ सहित वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में केन्द्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम को गति देने के लिए राज्यों को एक सेमिनार का आयोजन करना चाहिए जिसमें कृषि अवसंरचनाओं के विकास और संभावनाओं पर चर्चा की जाए. एक सर्वेक्षण करा कर कृषि क्षेत्र में गैप्स ढूंढ कर उनके लिए योजनाएं बनायी जानी चाहिए. किसानों को सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए ताकि किसान अपने उत्पाद को लंबे समय तक एवं उचित मूल्य मिलने तक सुरक्षित रख सकें. उन्होंने कहा कि हमने 10 हजार फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन (एफपीओ) बनाने का लक्ष्य रखा है.
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि इस फंड के माध्यम से पोस्ट हार्वेस्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर एवं बिचौलियों को समाप्त करने में भी मदद मिलेगी साथ ही कोल्ड चेन, कोल्ड स्टोरेज इंटीग्रेटेड पैक हाउसेस, सप्लाई चेन सर्विसेज, कम्युनिटी फार्म मशीनरी, रेफ्रिजरेटेड ट्रांसपोर्टेशन और कम्युनिटी ड्राइंग यार्ड जैसी अवसंरचनाओं को विकसित करने में इस फंड का प्रयोग किया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि हम अपने किसानों को आत्मनिर्भर कृषि के माध्यम से उद्यमी बनाना चाहते हैं. 31 मार्च 2021 तक इसके लिए सभी राज्य अपने योजनाओं को उपलब्ध करा दिया जाए.