घनसाली. कोरोना काल में जहां प्रदेश कांग्रेस राज्य सरकार की नीतियों के खिलाफ मुखर है और जनता के मुद्दों को प्रखरता से उठाकर 2022 के चुनाव के लिए अपनी बुनियाद पुख्ता कर रही है, वहीं घनसाली विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कई दिग्गज नेताओं की मौजूदगी के बावजूद कांग्रेस के 2022 के दावेदार नेताओं की क्षेत्र में कहीं भी सक्रियता नहीं नजर आ रही है। कोरोना की दूसरी लहर में जहां अनेक समाजसेवी, राजनीतिक दलों के लोग जनता की सेवा में दिन रात जुटे हैं, वहीं घनसाली कांग्रेस के दावेदार अभी भी जनता से दूरी बनाए हुए हैं।
आगामी विधानसभा चुनाव 2022 के लिये घनसाली क्षेत्र में कांग्रेस से टिकट के लिए कई दिग्गज नेता दावेदार हैं! यह तब और भी गौर करने वाली बात है कि क्षेत्र में स्थानीय प्रतिनिधि के कामों से जनता असंतुष्ट देखी जा रही है। यहां तक कि लोगों ने अब अपने प्रतिनिधि से विकास की उम्मीद छोड़ दी है और बड़ी बेसब्री से 2022 के चुनाव का इंतजार कर रही है। बावजूद घनसाली कांग्रेस के दावेदार कहीं भी राजनीतिक मैदान में विकल्प बनते नजर नहीं आ रहे हैं।
घनसाली विधानसभा क्षेत्र के राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इन सभी दावेदारों की शिथिलता के कारण कांग्रेस ने एक तरह से सालभर पहले ही घनसाली सीट पर भाजपा के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। बताया जाता है कि घनसाली विधानसभा में नेताओं की उदासीनता टिकट की अनिश्चितता के कारण भी बनी हुई है। कांग्रेस का कोई भी नेता खुलकर सामने नहीं आ रहा है। जानकारों ने कहा कि घनसाली कांग्रेस में 22 के चुनाव के लिये “एक अनार सौ बीमार” वाली स्थिति है और यही कारण है कि घनसाली में संचार, स्वास्थ्य, सड़क, पानी आदि के तमाम मुद्दों के बावजूद कोई कांग्रेस दावेदार जनता के मुद्दों पर मुखर नहीं है। तमाम दावेदारों की शिथिलता के कारण कांग्रेस 2022 से पहले ही जनता की नजरों से ओझल होती जा रही है।
2022 के दावेदारों की शिथिलता के बावजूद राहत की बात यह है कि प्रतापनगर के प्रभारी श्री अरुणोदय नेगी जी स्व. त्रेपन सिंह नेगी जनकल्याण ट्रस्ट के द्वारा गांव गांव तक पहुंचकर घनसाली क्षेत्र में दवाई व राशन किट बांट कर लोगों की सुध ले रहे हैं। स्व. त्रेपन सिंह नेगी जनकल्याण ट्रस्ट द्वारा घनसाली की बालगंगा तहसील के गांवों में मल्टीविटामिन की गोलियां बंटवाई जा रही हैं। इसी तर्ज ट्रस्ट का प्रयास है कि घनसाली की 182 ग्रामपंचायतों में दवाई किट ग्राम पंचायतों तक पहुंचे, जिससे पहाड़ इस कोरोना से जीत सके।