हल्द्वानी. दुनिया भर में महामारी के रूप में घोषित कोराना वायरस के उत्तराखंड में भी दस्तक देने की खबर आ रही है. उत्तराखंड में कोरोना वायरस का पहला मामला सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी में बनी कोरोना लैब से सामने आया है. एक आईएफएस अधिकारी के सैंपल की जांच के बाद कोरोना वायरस की हुई पुष्टि हुई है.
जांच के बाद रिपोर्ट को देहरादून भेजा गया है. सूत्रों ने जानकारी दी कि इंदिरा गांधी वन अनुसंधान के आइएफएस प्रशिक्षुओं का दल पिछले दिनों शैक्षिक भ्रमण पर फिनलैंड, रूस और स्पेन गया था. इस दल में यह अधिकारी भी शामिल थे. दल के उत्तराखंड लौटने पर दो दिन पहले ही छह प्रशिक्षुओं के सैंपल लिए गए थे. जिनको जांच के लिए हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में की कोरोना लैब में भेजा गया था. यह रिपोर्ट आज रविवार को हल्द्वानी मेडिकल की लैब से आई. संक्रमित प्रशिक्षु को आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है. उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड में अभी तक कुल 25 लोगों के सैंपल जांच के लिये गए हैं, जिनमें 17 की रिपोर्ट प्राप्त हुई है. इनमें सिर्फ एक अधिकारी में कोरोना की पुष्टि हुई है.
इसके चलते वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआई) में आम जनता के प्रवेश पर रोक लगा दी है. वन अनुसंधान संस्थान के निदेशक अरुण सिंह रावत ने बताया कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अनुसंधान एफआरआई परिसर में है. इसके चलते एहतियातन आम लोगों की आवाजाही यहां बंद कर दी गई है.
उत्तराखंड में अब तक 25 लोगों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे, जिसमें अभी तक 18 की रिपोर्ट आ चुकी है. इसमें 17 नेगेटिव और एक पॉजिटिव केस सामने आया है। बाकी सात लोगों की रिपोर्ट आनी बाकी है.