पौड़ी. कोरोना महामारी के वैश्विक संकट की मार उत्तराखंड के देवताओं की पूजा अर्चना पर भी पड़ी है. राज्य में बैशाख महीने में होने वाले कई स्थानीय मेले पहली बाद स्थगित करने पड़े हैं. पौड़ी जनपद में उत्तराखण्ड का पंचवां धाम कहे जाने वाला बनेलनस्यूं एवं कंडोलस्यूं पट्टी के बीच स्थित श्री डांडा नागराजा मंदिर में होने वाला ऐतिहासिक मेला भी इस बार नहीं हुआ है. यह क्षेत्र के इतिहास में पहली बार है कि श्री डांडा नागराजा मंदिर में 14 अप्रैल 2 गति बैसाख को लगने वाला कण्डार मेला इस बार नहीं लगा है. कोरोना संक्रमण कारण यह प्रसिद्ध मेला योजित नहीं हुआ.
जिला प्रशासन ने मेला स्थल को पहले ही सील कर दिया था. केवल लसेरागांव के ग्राम प्रधान द्वारा मंदिर में निशान चढ़वाया गया. पुजारी गणेश प्रसाद देशवाल ने केवल रोज की भांति पूजा-अर्चना की. पुजारी ने देश से कोरोना बीमारी से शीघ्र निजात पाने की मनोकामना की. मंदिर परिसर क्षेत्रीय राजस्व उपनिरीक्षक परवीन कुमार एवं उनकी सहयोगी टीम तैनात रही. डांडा नागराजा मंदिर समिति के अध्यक्ष शशिकांत चमोली ने कहा की वह शासन का आदेश का पालन कर क्षेत्रीय जनता से लगातार मेला स्थगित की अपील कर रहे थे। जिसमें सभी जनता का सहयोग रहा आज मंदिर में कोई नहीं श्रद्धालु नहीं आए. समाजिक कार्यकर्ता जगमोहन डांगी ने बाताया कि जहां आज के दिन मंदिर और सड़क पर एवं मंदिर परिसर पर गाड़ियों एवं श्रद्धालुओं से जगह नहीं होती थी वह लॉकडाउन का पूरा पालन किया गया.