घनसाली. देश विदेश में सेवा कर चुके और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमाधारक सीमांत किसान श्री देवेंद्र दत्त थपलियाल इन दिनों गांव की बंजर भूमि से सोना उगलाने की ओर अग्रसर हैं. देश विदेश में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में वर्षों कार्य कर चुके श्री देवेंद्र दत्त थपलियाल पुत्र स्व़ जटेराम थपलियाल, ग्राम पंचायत अंथवाल गांव, हिंदाव, ब्लाक भिलंगना, जनपद टिहरी गढ़वाल, उत्तराखंड ने अपने गांव की बंजर भूमि में प्रायोगिक आधार पर कई तरह की जड़ी बूटी की खेती करने में सफलता हासिल की है.
40 से 50 नाली बंजर भूमि को बनाया उपजाऊ
वैश्विक महामारी कोरोना ने श्री थपलियाल के हौसलों को बुलंदी दी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आत्मनिर्भर बनने के आह्वान ने ऐसी ऊर्जा दी कि 40 से 50 नाली बंजर भूमि आज लगभग 17 तरह की हरी भरी जड़ी बूटी से लहलहा रही है. गांव की ऐसी बंजर भूमि जिस पर सिर्फ कांटे व घास थी वहां आज कूट, चिरायता, कुटकी, रोजमेरी, लैमनग्रास, थाइम, पाखाणबेध की पौध तैयार हो गई है. श्री देवेंद्र दत्त थपलियाल 2017 से ही इस संकल्पना पर कार्य कर रहे थे, लेकिन कोरोना काल में रोजगार गंवाने के बाद बड़ी संख्या में गांव लौटे युवाओं के लिए रोजगार स्वरोजगार की संभावनाओं के लिए 40 से 50 नाली बंजर भूमि पर व्यापक स्तर पर कृषिकरण किया. कोरोना काल में जब सभी रोजगार लगभग ठप थे, इस दौरान श्री देवेंद्र दत्त थपलियाल जी ने 30 से 40 महिला व युवाओं को यहां रोजगार दिया.
ऊंचाई पर आयुर्वेदिक खेती की प्रबल संभावना
श्री देवेंद्र दत्त थपलियाल ने बताया कि समुद्र सतह से 2200 से 2500 मीटर की ऊंचाई पर आयुर्वेदिक जड़ी बूटी की खेती की प्रबल संभावना है. श्री थपलियाल बताते हैं कि पहाड़ों में जंगली जानवरों के आतंक के कारण लोग गांव के नजदीक की उपजाऊ जमीन को भी बंजर छोड़ रहे हैं और हमारे पूर्वजों की डांडा, छानियों की जमीनें तो कांटे झाड़ियों में बदल गई हैं. जबकि अगर हम इस जमीन को समय के अनुरूप जड़ी बूटी की खेती में बदलें तो यही जमीन हमारी आर्थिकी का मुख्य जरिया बन सकती है.
सरकार अगर साथ दे, तो लोगों को प्रशिक्षित करने तैयार
श्री थपलियाल ने कहा कि सरकार अगर साथ दे तो वह गांव गांव की बंजर जमीनों को आबाध करने लोगों को प्रशिक्षित करने का बीड़ा उठाने तैयार हैं. श्री थपलियाल ने कहा मेरा प्रयास है कि गांव की बंजर जमीनों को एक जोत एक खेत के तहत उपजाऊ बनाकर भूस्वामियों का आर्थिक उन्नयन किया जा सके. श्री थपलियाल ने कहा कि जड़ी बूटी की खेती को प्रायोगिक आधार पर वे खुद की जमीन में कर चुके हैं अब अन्य लोगों को सिर्फ वही जड़ी बूटी की खेती करनी है जो इस सीमांत भूभाग में प्रयाप्त मात्रा में उग रही है. कई जड़ी बूटी का प्रयोग करने के बाद यहां लगभग 17 तरह की जड़ी बूटी की खेती की प्रबल संभावना है.
विधायक शक्तिलाल शाह का जताया आभार
इलेक्ट्रिकल इंजीनियर रहे अब सीमांत किसान श्री देवेंद्र दत्त थपलियाल ने विधायक शक्तिलाल शाह का धन्यवाद दिया है, जिन्होंने स्वयं यहां आकर जड़ी बूटी की खेती का निरीक्षण किया है. विधायक शक्तिलाल शाह ने देवेंद्र दत्त थपलियाल जी की इस पहल की सराहना की है. साथ ही बंजर भूमि की सिंचित करने के लिए पानी की समुचित व्यवस्था करने का वादा किया है. श्री देवेंद्र दत्त थपलियाल ने अपने क्षेत्र के सभी जन प्रतिनिधियों जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सोनादेवी सजवाण, ब्लाक प्रमुख श्रीमती बसुमति घनाता, पूर्व ब्लाक प्रमुख श्री विजय गुनसोला, खंड विकास अधिकारी भिलंगना, क्षेत्र के पंचायत मंत्री, ब्लाक के अधिकारी श्री के़ के. शाह, कर्मचारी श्री विकास बडोनी, श्री जगदीश शाह, श्री नवीन भट्ट, डा. जितेंद्र बुटोला, डा. बिष्ट, श्री रामनरेश बडोनी, मास्टर ट्रेनर गोपालराम भट्ट, डा. शैनवान एवं ग्राम प्रधान श्रीमती रेखा अंथवाल का भी हर संभव सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया है.