टिहरी. जनपद टिहरी के गांवों को कोरोना से बचाने के लिए जिला प्रशासन के साथ ही जिले के जिम्मेदार जनप्रतिनिधि भी हरकत में आ गए हैं. बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों के साथ ऋषिकेश के रास्ते पहाड़ चढ़ रहे कोरोना को टिहरी के प्रवेश द्वार मुनिकीरेती में ही रोकने के लिए डीएम टिहरी और कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने एक महत्वपूर्ण बैठक की. बैठक में पहाड़ों को बचाने के लिए गंभीर मंथन और योजना को धरातल पर उतारने जिलाधिकारी और कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने चर्चा की. गांव को बचाने के लिए अब प्रवासियों को पहाड़ के मुख्य द्वार ऋषिकेश में ही कोरनटाइन पर गंभीरता से काम करने का निर्णय लिया.
कोरोना को लेकर पिछले दो महीनों में टिहरी जिले में बहुत सुस्त गति से कार्य हुए जिसके परिणाम भिलंगना घाटी तक कोरोना पहुंच गया. इन सारी व्यवस्थाओं को अब ठीक करने की कवायद में नवनियुक्त डीएम मंगेश घिल्डियाल जी जुट गए हैं. कार्यभार ग्रहण करने के दूसरे ही दिन सुबह डीएम वहां पहुंचे जहां मुनिकीरेती से कोरोना गांवों में पहुंच रहा है. यहां व्यवस्थाओं का जायजा लिया और मुनिकीरेती में ही प्रवासियों को क्वारंटाइन करने की तैयारी को लेकर होटल मालिकों से चर्चा की. डीएम ने एसडीएम युक्ता मिश्रा को निर्देश दिए कि क्वारंटाइन सेंटर में बेहतर खाने की व्यवस्था की जाए. इसके लिये पूर्ति अधिकारी को नोडल बनाया गया है.
- दरअसल, अभी तक ऋषिकेश में प्रवासियों को रुकवाने के लिए प्रशासन ने कोई ठोस व्यवस्था नहीं की थी. इसके चलते सभी प्रवासी टिहरी पहुंच रहे थे और टिहरी में अचानक कोरोना के मामले बढ़ गए, लेकिन अब प्रशासन ऋषिकेश में ही प्रवासियों को क्वारंटाइन करेगा.
- मुनिकीरेती जनपद की सीमा पर स्थित है. यहां पर्याप्त संख्या में धर्मशाला, आश्रम, लॉज, होटल और एजुकेशनल इंस्टीट्यूट स्थित है. इनमें प्रवासियों की कैसे व्यवस्था की जाए इस विषय पर इनके संचालकों से बात की गई है. इसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं.
- मुनिकीरेती, तपोवन, ढालवाला क्षेत्र में चार से पांच हजार लोगों को ठहरा सकते हैं. इनके भोजन, सैनिटाइजेशन और सफाई को लेकर होटल मालिकों आश्रम संचालकों ने अपनी शंका जाहिर की है. इसपर डीएम ने कहा कि जिस कक्ष में प्रवासी रहेगा उसकी सफाई वह स्वयं करेगा. शेष व्यवस्था प्रशासन, नगर पालिका के सहयोग से करेगा.
सैंपल रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद छोड़े जाएंगे घर
ओंकारानंद इंस्टीट्यूट में खाने को लेकर हो रहे विवाद की बाबत उन्होंने कहा कि बैठक बुलाने का एक कारण यह भी है कि भोजन संबंधी मामलों का निस्तारण हो जाए. इसलिए लोगों के ठहरने की व्यवस्था को और अधिक बढ़ा रहे हैं. साथ ही मुनिकीरेती में रोके गए लोगों में जिनके सैंपल की रिपोर्ट नेगेटिव आते हैं उन्हें घरों के लिए भेजा जाएगा.
जिलाधिकारी ने कार्यभार ग्रहण करते ही एक्शन मोड में आ गए और सबसे पहले कोरोना से निपटने के लिए पहाड़ का मुख्य द्वार ऋषिकेश में ही कोरोना रोकने का प्रयास करने के साथ-साथ बाहर से आने वाले प्रवासी लोगों को कोरनटाइम करने के लिए व्यवस्था बना दी. ताकि कोरोना से संक्रमित लोग पहाड़ों में ना जा सके और उनका सैंपल लेकर ऋषिकेश में ही टेस्ट करवाए जाए टेस्ट होने के बाद रिपोर्ट के आधार पर इनको उनके गांव भेज दिया जाएगा.