मुंबई. देश भर में लाकडाउन के बाद विभिन्न राज्यों में उत्तराखंड के युवा बड़ी संख्या में फंसे हुए हैं. होटल मालिकों की बेरुखी से ऐन कैरोना वायरस के मौके पर अनेक स्थानों में सैकड़ों उत्तराखण्डियों के सामने जीने का संकट खड़ा कर दिया है. होटलों में काम करने वाले युवाओं को बिना तनख्वाह दिए शटर गिरा कर होटल मालिकों ने इन कर्मियों को उनके हाल पर छोड़ दिया है. इस चुनौती से निपटने के लिए उत्तराखंड के जिलों में समाजसेवी व जनप्रतिनिधि भी सक्रिय हो गए हैं और अपने क्षेत्र के युवाओं को संकट की इस घड़ी में विभिन्न प्रांतों से वापस गांव बुलाने के लिए सरकार से निवेदन कर रहे हैं.
टिहरी जनपद के घनसाली विधानसभा क्षेत्र से भी बड़ी संख्या में होटलों में काम करने वाले युवा व उनके परिवार होटल बंद होने के कारण मुंबई व पुणे में फंस गए हैं. होटलों के बंद होने के कारण वे भुखमरी की आशंका से चिंताग्रस्त हैं. ऐसे ही घनसाली के फंसे युवाओं के लिए समाजसेवी दर्शनलाल आर्य ने उन्हें घर तक पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री, जिलाधिकारी टिहरी व उपजिलाधिकारी से निवेदन किया है और फलस्वरूप अब प्रभारी अथिकारी दैवीय आपदा, उप जिलाधिकारी टिहरी ने पत्र जारी कर दिया है.
जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सोनादेवी सजवाण, जिला पंचायत सदस्य श्री रघुवीर सजवाण, प्रमुख भिलंगना श्रीमती बसुमती घनाता आदि के प्रयास से प्रभारी अथिकारी दैवीय आपदा, उप जिलाधिकारी टिहरी ने अब एक प्रारूप पत्र जारी करके ऐसे युवाओं की गांव लौटने की उम्मीदें जगा दी हैं.
समाजसेवी दर्शनलाल आर्य ने कहा है कि घनसाली क्षेत्र के जो लोग मुंबई और पुणे में संकट में फंसे हैं वे अपने नाम और पते शीघ्र ही उन्हें भेजें, ताकि उप जिलाधिकारी महोदय द्वारा निर्देशित प्रारूप पर उन फंसे युवाओं की सूचना उप जिलाधिकारी को दी जाए. ऐसे युवा श्री दर्शनलाल आर्य जी से उनके मोबाइल नंबर पर नाम और नम्बर लिस्ट बनाकर 07709710679,7536856761, पर संपर्क कर दे सकते हैं या व्हटसेप पर अपने नाम भेज सकते हैं.
बतादें कि घनसाली क्षेत्र में दर्शनलाल आर्य कोरोना पर लोगों के बचाव के लिए लगातार मास्क वितरण, गरीबों को राशन वितरण आदि के जरिए मदद में जुटे हैं और अब अन्य प्रदेशों में फंसे युवाओं को गांव लाने के लिए प्रयासरत हैं.
उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व लाकडाउन से पहले जो घरों से निकले थे और लोग रास्ते में फंसे थे उन्हें अपने गांव तक पहुंचाने के लिए समाजसेवी विनोद बछेती जी से गुहार लगाकर युवानेता संदीप आर्य, रामराणा, भीमसिंह रावत आदि ने सैकड़ों फंसे लोगों को दिल्ली आदि स्थानों से गांव की ओर भेजा था.