देहरादून। राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य एवं मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने दून विश्वविद्यालय में डॉ. भीमराव अम्बेडकर चेयर स्थापना कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय में नवाचार केन्द्र की स्थापना करने, बीएससी इंटीग्रेटेड बॉयोलॉजिकल सांइसेस, गढ़वाली, कुमांउनी, जौनसारी भाषाओं, लोककला पर आधारित पाठ्यक्रम शुरू करने समेत एमए/एमएससी गृहविज्ञान, बीए (ऑनर्स) मनोविज्ञान जैसे विषय शुरू करने की घोषणा की है।
उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी #COVID19 की त्रासदी में जो बच्चे अनाथ हुए हैं उनके लिए दून विश्वविद्यालय में संचालित प्रत्येक पाठ्यक्रम में एक सीट इस सत्र में आरक्षित की जाएगी। यह सीट पूर्व से आवंटित सीटों के अतिरिक्त होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दून विश्वविद्यालय द्वारा उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अनेक सराहनीय प्रयास किए जा रहे हैं। जल्द ही विश्वविद्यालय में पुस्तकालय भवन के लिए बजट की व्यवस्था की जाएगी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा हर क्षेत्र में क्वालिटी ऑफ वर्क देने का प्रयास किया जाएगा। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न समस्याओं के समाधान एवं शैक्षणिक गुणवत्ता के सुधार के लिए जल्द ही एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2027 तक उच्च शिक्षा, पर्यटन, कृषि एवं सड़कों के क्षेत्र में उत्तराखण्ड को अग्रणी राज्य बनाएगें। राज्य में 10 लाख से अधिक लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए रोडमैप बनाया जा रहा है।
डॉ. अम्बेडकर चेयर की स्थापना राज्य के विकास एवं उत्थान के लिए मील का पत्थर
इस अवसर पर सभी अतिथियों द्वारा अपने विचार व्यक्त करते हुए डॉ. अम्बेडकर चेयर की स्थापना को राज्य के विकास एवं उत्थान के लिए यह मील का पत्थर बताया।
डॉ. बी.आर. अम्बेडकर चेयर बाबा साहेब के सिद्धांतों, आदर्शों एवं जीवन दर्शन पर शोध कार्य संचालित करेगा, जिससे उत्तराखण्ड के अनुसूचित जातियों, महिलाओं, अनुसूचित जनजातियों, आदिवासियों एवं समाज के अन्य वंचित वर्गो के आर्थिक, राजनीतिक एवं सामाजिक सशक्तिकरण संभव हो सके।
डॉ . बी.आर. अम्बेडकर चेयर ग्रामीण क्षेत्र में युवाओं, विशेष तौर पर महिलाओं के कौशल विकास की दिशा में प्रशिक्षण कार्यक्रम भी संचालित करेगा जिससे उनमें उद्यमिता के गुण विकसित हो सके.