पर्दे पर दिखने की चाहत रखने वालों के लिए मायानगरी मुंबई हमेशा लुभाती रही है और यहां आकर उत्तराखंड के नामी सितारे भारतीय सिने जगत में अपनी चमक बिखेर रहे हैं. उत्तराखंड के चमोली जनपद के सुदूर गांव रुईसांन का युवा जयबीर रावत भी कठिन संघर्षों के बाद अब छोटे पर्दे पर मुकाम की ओर अग्रसर है.
& tv पर सोमवार से शुक्रवार रात आठ बजकर तीस मिनट (8.30) पर प्रसारित होने वाले धारावाहिक महानायक डॉ. भीमराव आंबेडकर में जयबीर रावत बौद्ध भिक्षु का किरदार निभा रहा है. इस धारवाहिक में बौद्ध भिक्षु से डा. भीमराव आम्बेडकर प्रभावित होते हैं और बौद्ध धर्म के प्रति उनका रुझान बढ़ता है. इससे पहले जयबीर 2013 में जी टीवी के धारावाहिक गौतम बुद्ध में काम कर चुके हैं.
उत्तराखंडी गीत लेखन से भी जुड़े जयबीर रावत की अभिनय के क्षेत्र में बचपन से ही रुचि थी. जब जयबीर कक्षा 6 में थे तब उस दौर में वे उत्तराखंड के सबसे बड़े सांस्कृतिक दल, बधानी सांस्कृतिक समिति से जुड़े और देशभर के बड़े-बड़े मंचों पर बाल कलाकार के रूप में उत्तराखंड के लोकनृत्य की प्रस्तुति दी. कई बार राज्य के बाहर भी उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व करने का मौका जयबीर को मिला.
चमोली उत्तराखंड के सुदूर गांव रुईसांन में 1991 में जन्में जयबीर की जिंदगी भी एक आम पहाड़ी युवा की तरह गुजरी है. गांव में बिजली, सड़क नहीं थी, आज भी इस गांव में सड़क पूरी तरह नहीं पहुंच पाई है.
इन अभावों के बीच में स्कूली शिक्षा व 12वीं की शिक्षा गांव में ही की. जिंदगी के तमाम अभावों में पिता का साथ और पिता द्वारा जयबीर के सपनों को पंख लगाने का हौसला जयबीर को मायानगरी तक ले आया. जयबीर कहते हैं, जब भी नाउम्मीद और निराशा मन में उठे पिता आज भी मददगार बनकर मुझे उम्मीदों के आकाश में ले जाते हैं.
जयबीर कहते हैं वे बिना जान पहचान के साथ मुंबई आए. शुरुआती दौर में बड़े संघर्षों से रूबरू हुए, पहचान बनी तो अवसर मिलता गया. पहली बार 2012 केबीसी के एक फिक्शन में काम करने का मौका मिला, फिर 2013 में जी के शो बुद्धा और फिर काफी कुछ विज्ञापन फिल्मों और कुछ वेबसीरीज जैसे प्लेटफार्म पर अभिनय की यात्रा निरंतर जारी है. डा. भीमराव आंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिन 6 दिसंबर को है और जयबीर रावत ने उत्तराखंड के लोगों से इस धारावाहिक देखकर अपना प्यार आशीर्वाद देने की अपील की है.