देहरादून। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी (Chief Minister Shri Pushkar Singh Dhami) ने शनिवार को 25वें राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर पुलिस लाइन देहरादून में आयोजित देवभूमि रजत उत्सव कार्यक्रम में सभी को राज्य स्थापना दिवस शुभकामनाएं दीं और गत दिनों अल्मोड़ा जिले में हुई बस दुर्घटना में दिवंगत लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी को भी याद करते हुए कहा कि अटल जी के प्रधानमंत्रित्व काल में ही उत्तराखण्ड राज्य की स्थापना का सपना साकार हुआ और अब उत्तराखण्ड राज्य आज प्रधानमंत्री आदरणीय नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश का एक अग्रणी राज्य बनने की ओर अग्रसर है।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर अपनी सरकार की अनेक उपलब्धियों को गिनाते हुए राज्य के 25 साल की विकास यात्रा और भविष्य की योजनाएं गिनाईं। इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, लोक गायक प्रीतम भरतवाण (Pritam Bharatwan), समाज सुधाकर एवं आध्यात्मिक गुरु माता मंगला (Mata Mangala), अभिनेता हेमंत पांडेय (Hemant Pandey), और डॉ. महेश कुड़ियाल (Dr. Mahesh Kudiyal) को इस वर्ष के ‘उत्तराखण्ड गौरव सम्मान पुरस्कार’ (Uttarakhand Gaurav Samman) से सम्मानित होने के लिए शुभकामनाएं दी।
डॉ. महेश कुडियाल को ‘उत्तराखंड गौरव’ सम्मान मिलने से राज्य के लोगों ने खुशी जताई है। डॉ. महेश कुडियाल को ‘उत्तराखंड गौरव’ पुरस्कार से सम्मानित करने पर वरिष्ठ पत्रकार श्री शीशपाल गुसाईं ने लिखा कि डॉ. महेश कुडियाल ने उत्तराखंड में चिकित्सा में उत्कृष्टता की पहचान स्थापित की है और उत्तराखंड स्थापना दिवस के अवसर पर उनकी सराहनीय उपलब्धियों को सम्मानित किया जाना अत्यंत महत्वपूर्ण है। बता दें कि डॉ. महेश कुडियाल एक प्रतिष्ठित न्यूरोसर्जन हैं और उनके समर्पण ने चिकित्सा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है। उत्तराखंड गौरव से सम्मानित होना न केवल उनकी पेशेवर विशेषज्ञता की पहचान है, बल्कि समाज के प्रति उनके अटूट समर्पण का प्रमाण भी है।
मरीजों के लिए आशा की किरण हैं डॉ. कुडियाल
उनके इस सम्मानजनक स्वीकृति में, उत्तराखंड सरकार ने चिकित्सा और सार्वजनिक सेवा में उनके योगदान को स्वीकार कर, यह सुनिश्चित किया है कि उनके काम को उचित मान्यता मिले। तीन दशक से अधिक की अवधि में डॉ. कुडियाल ने 14,000 से अधिक जटिल न्यूरोसर्जिकल ऑपरेशन किए हैं। प्रत्येक प्रक्रिया न केवल उनकी सर्जिकल विशेषज्ञता को दर्शाती है, बल्कि मरीजों के जीवन बचाने के लिए उनकी गहन प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करती है।
डॉ. कुडियाल न्यूरोलॉजिकल विकारों से जूझ रहे अनगिनत व्यक्तियों के लिए आशा की किरण हैं। डॉ. कुडियाल के काम का प्रभाव ऑपरेटिंग रूम से कहीं आगे तक फैला हुआ है। उन्होंने जो भी जीवन बचाया है, वह सिर्फ़ एक व्यक्तिगत जीत नहीं है, बल्कि पूरे समाज के लिए आशा है। उनके मरीज़ों के परिवारों द्वारा अनुभव की गई खुशी और राहत अतुलनीय है। डॉ. कुडियाल के प्रयास से समाज में उम्मीद की भावना बढ़ती है और दूसरों को अपने-अपने क्षेत्रों में महानता हासिल करने के लिए प्रेरित किया जाता है। डॉ. महेश कुडियाल दृढ़ता, करुणा और नवाचार के सार को दर्शाते हैं। उत्तराखंड गौरव पुरस्कार से उन्हें सम्मानित किया जाना मानवता की सेवा के लिए समर्पित जीवन का एक उपयुक्त उत्सव है।