देहरादून। उत्तराखण्ड में समान नागरिक संहिता (uniform civil code) के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश श्रीमती रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में बनी समिति ने शुक्रवार को मुख्य सेवक सदन में ड्राफ्ट मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी (Chief Minister Shri Pushkar Singh Dhami) को सौंपा दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि समिति ने विभिन्न वर्गों के सुझावों के बाद यह ड्राफ्ट तैयार किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता से किए गये वादे के अनुरूप सरकार गठन के तुरंत बाद हुई पहली कैबिनेट की बैठक में ही समान नागरिक संहिता बनाने के लिए एक विशेषज्ञ समिति के गठन का निर्णय लिया था। उन्होंने कहा कि 27 मई 2022 को पांच सदस्यीय समिति गठित की गई। UCC के लिए गठित समिति में पूर्व न्यायाधीश डॉ. रंजना प्रकाश, सिक्किम हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश श्री प्रमोद कोहली, उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्य सचिव श्री शत्रुघन सिंह, दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल एवं समाजसेवी श्री मनु गौड़ को शामिल किया गया था।
मुख्यमंत्री ने बताया कि समिति ने दो उप समितियों का गठन भी किया था, जिसमें से एक उपसमिति ने “संहिता“ का प्रारूप तैयार किया एवं दूसरी उपसमिति ने प्रदेश के निवासियों से सुझाव आमंत्रित कर संवाद स्थापित किया। समिति द्वारा देश के प्रथम गांव माणा से जनसंवाद कार्यक्रम की शुरूआत की गई। उन्होंने बताया कि समिति ने कुल 43 जनसंवाद कार्यक्रम किए। इसमें समिति को कुल 2 लाख 32 हजार 961 सुझाव प्राप्त हुए जो कि प्रदेश के लगभग 10% परिवारों के बराबर है। लगभग 10 हजार लोगों से संवाद एवं प्राप्त लगभग 02 लाख 33 हजार सुझावों का अध्ययन करने हेतु समिति की 72 बैठकें हुई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार इस रिपोर्ट का विधिक अध्ययन और परीक्षण कर यथाशीघ्र उत्तराखंड राज्य के लिए समान नागरिक संहिता कानून का प्रारूप तैयार कर संबंधित विधेयक को आगामी विधान सभा के विशेष सत्र में रखेगी। इस कानून को लागू करने की दिशा में सरकार तेजी से आगे बढ़ेगी। इस अवसर पर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुदंरम, श्री विनय शंकर पाण्डेय, विशेष सचिव श्री पराग मधुकर धकाते, समान नागरिक संहिता के सदस्य सचिव श्री अजय मिश्रा एवं महानिदेशक सूचना श्री बंशीधर तिवारी उपस्थित थे।
क्या है समान नागरिक संहिता कानून में
- तीन तलाक, हलाला और इदत खत्म, सजा का प्रावधान
- एसटी वर्ग के लोग कानून के दायरे से बाहर रहेंगे
- बेटे बेटे को विरासत में समान अधिकार
- पत्नी के जीवित रहते दूसरी शादी गैरकानूनी
- लड़कियों के लिए विवाह की उम्र 18 साल
- लड़को के लिए विवाह की उम्र 21 साल
- लिव एंड रिलेशन के लिए पंजीकरण अनिवार्य
- समिति ने कुल 43 जनसंवाद कार्यक्रम किए
- कुल 2 लाख 32 हजार 961 सुझाव प्राप्त हुए
- समिति की 72 बैठकें हुई
समिति के सदस्य
- 27 मई 2022 को पांच सदस्यीय समिति गठित की गई थी
- पूर्व न्यायाधीश डॉ. रंजना प्रकाश अध्यक्ष
- सिक्किम हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश श्री प्रमोद कोहली
- उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्य सचिव श्री शत्रुघन सिंह
- दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल
- समाजसेवी श्री मनु गौड़ समिति में शामिल थे